अमरगढ़. क्षेत्र में इन दिनों बारिश (rain) नहीं होने से फसलें सूखने की कगार पर हैं। कई किसान (Farmers) इन दिनों फसलों (crops) की खुदाई, लुराई करने के बाद पिलाई को जुट गए हैं लेकिन विद्युत निगम की ओर से बिजली (electricity) कटौती की जा रही है। इससे फसलों की पिलाई समय (time) पर नहीं हो पा रही है।
किसानों (Farmers) ने बताया कि फसल की बुवाई के बाद से क्षेत्र में बारिश (rain)नहीं हुई जिससे खरीफ की फसल सूखने के कगार पर है। बारिश का बेसब्री से इंतजार है। किशनगढ़ के पूर्व सरपंच देवलाल गुर्जर ने बताया कि लम्बे समय से क्षेत्र में बारिश नहीं हुई है। फसलों (crops) की खुदाई – लुराई भी कर दी गई है। बारिश नहीं होने से किसान फसल की पिलाई में जुट गए हैं। विद्युत निगम की ओर से बिजली कटौती से फसल की पिलाई करने का काम भी बाधित हो रहा है।
किसानों (Farmers) ने बताया कि एक ओर बारिश (rain) नहीं हो रही है। दूसरी ओर, बिजली की आपूर्ति भी नहीं हो रही है। अधिकांश किसानों ने अब बैल (ox) रखने बंद कर दिए हैं। ट्यूबवैल (tube well) पर निर्भरता होने से बिजली की जरुरत होती है। बिजली हो तो फसल को पानी की पिलाई की जा सके। ऐसी हालत में दोनों ओर से परेशानी (problem) हैं। जिसे समझने वाला कोई नहीं है। किसानों ने प्रशासन (administration) से बिजली (electricity) कटौती दिन में नहीं करने की मांग की है।
बारिश के लिए इन्द्रदेव की पूजा-अर्चना (worship) कर बारिश की मनौतियां मांगी जा रही है। रविवार को गांव-गांव में किसानों (Farmers) ने बारिश के देव इन्द्र देव की पूजा-अर्चना कर बरसात (rain) कराने की कामना की गई। इसके लिए गांव के बाहर भोज परम्परा के तहत खेतों पर देवी-देवताओं (God-Goddess) की पूजा-अर्चना की गई। दाल-बाटी चूरमे का भोग लगाया गया। किसान वर्ग में ऐसी मान्यता है कि गांव बाहर भोज (out of village Lunch) का आयोजन करने से इन्द्रदेव बारिश (rain) करते हैं।