व्यापारियों के समूह का दावा है कि इस जमीन पर एग्रो फूड पार्क स्थापित किया जाएगा। टमाटर व आंवला समेत अन्य फलों व सब्जियों के केचअप (kech plant) प्लांट लगाए जाएंगे। औषधि पार्क के साथ ही कृषि उत्पादन केन्द्र बनेगा और प्रदेश के लिए कृषि विपणन का बड़ा बाजार विकसित होगा।
जानकारों के अनुसार ग्रीनबेल्ट होने से यहां उद्योग या एग्रो पार्क लगाया नहीं जा सकता। इसके भू-उपयोग परिवर्तन की लम्बी एवं जटिल प्रक्रिया है। यह राज्य सरकार के स्तर पर संभव है। एग्रो फूड पार्क के लिए भू उपयोग परिवर्तन के लिए भी आपत्ति मांगने की प्रक्रिया भी गुपचुप तरीके से की गई। इतना ही नहीं, जिला प्रशासन व न्यास के संबंधित अधिकारी भी चुप्पी साधे रहे। जमीन (land) की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।
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मेरे कार्यकाल में नहीं लगी फाइल
ग्रीनबेल्ट में भू उपयोग परिवर्तन स्थानीय स्तर पर संभव नहीं है। मेरे कार्यकाल में जीपिया क्षेत्र में भू उपयोग परिवर्तन को लेकर किसी प्रकार की फाइल (uit) नहीं चली। पूर्व में कोई फाइल प्रक्रियाधीन है तो उसकी जानकारी वो कराएंगे।
नितेन्द्र सिंह, सचिव, नगर विकास न्यास