छात्राओं ने बताया कि विद्यालय में चार दीवारी, किचन शेड व कमरों का अभाव है। चारदीवारी नहीं होने से दिनभर मवेशी विद्यालय में विचरण करते रहते हैं। साथ ही, जहरीले जीव – जन्तुओं के आने का भी हमेशा डर बना रहता है।
संस्था प्रधान सूर्यकांत प्रजापति ने बताया कि सत्र 2017-18 में डीएमएफटी योजना के अंतर्गत विद्यालय में दो अतिरिक्त कक्षा -कक्षों की स्वीकृति प्राप्त हुई। नवम्बर 2018 में कार्यकारी एजेन्सी जल संसाधन विभाग ने कार्य शुरू किया जो अब तक अधूरा है। किचन शेड के अभाव में पोषाहार कुक कम हेल्पर के घर से बनकर आता है। साथ ही, भण्डारण व्यवस्था भी सुचारू नहीं हो पा रही है। संस्था प्रधान ने बताया कि अधूरे पड़े अतिरिक्त कक्षा कक्ष के बारे में उच्च अधिकारियों से जानकारी चाही गई परन्तु उचित एवं संतोष पूर्ण जवाब नहीं मिला।
जिला शिक्षा अधिकारी राधेश्याम शर्मा ने बताया कि इस समस्या पर शीघ्र ही एक्शन लेंगे। जो भवन बन रहा उसको पूरा करवाएंगे। यदि कोई राजकीय भवन खाली पड़ा है तो फिलहाल उसमें विद्यालय शिफ्ट करेंगे ताकि बालिकाओं के लिए व्यवस्था दुरस्त हो सके।
जल संसाधन विभाग सहायक अभियन्ता रमेशचन्द्र नुवाल ने बताया कि आगे से बजट नहीं आने से कक्षा- कक्षों का निर्माण काम रुका हुआ है, बजट आते ही कार्य शुरू किया जाएगा।