पुलिस सूत्रों का कहना है कि मामले को खोलने से पहले परिजनों और आरोपियों का आमना-सामना कराया गया था। आरोपियों से पूछताछ में बलवीर के अपने ही हत्या की सुपारी देने की बात सामने पर हैरानगी हुई थी। एेसे में परिजनों को आमने-सामने कराना जरूरी था। उधर, मंगरोप थाना पुलिस ने हत्या के आरोपियों गांधीनगर (हरियाणा) निवासी राजवीर राजपूत व जीयन खेड़ा (उत्तरप्रदेश) निवासी सुनीलकुमार यादव को मंगलवार को न्यायाधीश के समक्ष पेश किया। दोनों को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
राजवीर बोला, दुर्घटना में दर्द ज्यादा, इसलिए हत्या आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि बीमा क्लेम उठाने के लिए बलवीर के दिमाग में कई योजनाएं चल रही थी। ट्रांसपोर्ट नगर में ढाबे पर बलवीर की उसके साझेदार राजवीर से बात होती थी। राजवीर ने बताया कि बलवीर ने हत्या से पहले दुर्घटना की बात सोची। उसका कहना था कि ट्रक के नीचे आ जाऊं, लेकिन दर्द और तड़प ज्यादा होगी। आसान मौत के लिए उसने खुद की हत्या करवाने की साजिश रची।
सुनील को मनाने के लिए दी चार बार पार्टी
राजवीर के मकान में किराएदार फैक्ट्री श्रमिक सुनील हत्या की सुपारी लेने को तैयार नहीं हुआ। बलवीर और राजवीर ने उसे अपने ढाबे पर बुलाकर चार बार शराब-कबाब की पार्टी दी। उसके बाद वह तैयार हुआ। सुनील ने पेशगी के तौर पर दिए गए दस हजार में से पांच हजार अपने हाथ से पर्ची भरकर बैंक में लगाई। आसानी से ४० हजार रुपए मिलते देख वह बलवीर की हत्या करने के लिए उसकी की बाइक पर चला गया।
राजवीर के मकान में किराएदार फैक्ट्री श्रमिक सुनील हत्या की सुपारी लेने को तैयार नहीं हुआ। बलवीर और राजवीर ने उसे अपने ढाबे पर बुलाकर चार बार शराब-कबाब की पार्टी दी। उसके बाद वह तैयार हुआ। सुनील ने पेशगी के तौर पर दिए गए दस हजार में से पांच हजार अपने हाथ से पर्ची भरकर बैंक में लगाई। आसानी से ४० हजार रुपए मिलते देख वह बलवीर की हत्या करने के लिए उसकी की बाइक पर चला गया।
हिसाब में गफलत: आधे घंटे में थानेदार ने दे दिया हिसाब एसपी हरेन्द्र महावर ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मामले का खुलासा करते हुए एडवांस १० रुपए के अलावा बाकी ७० हजार रुपए के सवाल पर मौन धारण कर लिया था। उनका जवाब यही था कि जांच चल रही है। इस दौरान अनुसंधान अधिकारी एवं थानाप्रभारी मीणा भी आरोपियों को साथ लेकर वहां मौजूद थे। इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब मीणा ने मंगरोप थाने पहुंचते ही सुपारी की शेष रकम का हिसाब दे दिया। इसके लिए दूसरा प्रेस नोट भी जारी कर दिया। इससे विरोधाभास की स्थिति पैदा हो गई।
कड़ी से कड़ी जोड़ेगी पुलिस रिमांड के दौरान पुलिस आरोपियों से सुपारी के लिए ली गई राशि व वारदात के समय पहने कपड़े बरामद करने का प्रयास कर रही है। सीसी टीवी फुटेज की जांच के साथ ही परिजन व घटना से जुड़े लोगों के बयान लिए जाएंगे।
पत्नी नोमिनी, उसे मिलता बीमा क्लेम बलवीर ने निजी बैंक से कराया पचास लाख का बीमा में दस्तावेजों में पत्नी को नोमिनी बनाया था। बीमा क्लेम की राशि पत्नी को मिले इसलिए उसने ३ अगस्त से फार्म भरने से लेकर दस्तावेज देने में जल्दबाजी दिखाई थी।