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ट्रेन के बजाए दौड़ रहा बिलों में पांच लाख का करंट

locationभीलवाड़ाPublished: Jul 09, 2019 12:06:35 pm

अजमेर-उदयपुर रेल मार्ग के विद्युतीकरण के बाद उच्च क्षमता का करंट प्रवाहित किए जाने के ढाई साल बीतने के बावजूद यहां ट्रेनें नहीं दौड़ सकी हैं। इधर, रेलवे को प्रतिमाह तीन से पांच लाख रुपए तक तगड़ा बिल प्रतिमाह मुफ्त में भरना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि विद्युतिकृत मार्ग के अधिकांश रेलवे स्टेशनों को भी बिजली का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

5 lakhs in running bills instead of train

5 lakhs in running bills instead of train

नरेन्द्र वर्मा. भीलवाड़ा.

अजमेर-उदयपुर रेल मार्ग के विद्युतीकरण के बाद उच्च क्षमता का करंट प्रवाहित किए जाने के ढाई साल बीतने के बावजूद यहां ट्रेनें नहीं दौड़ सकी हैं। इधर, रेलवे को प्रतिमाह तीन से पांच लाख रुपए तक तगड़ा बिल प्रतिमाह मुफ्त में भरना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि विद्युतिकृत मार्ग के अधिकांश रेलवे स्टेशनों को भी बिजली का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इधर, लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद अजमेर-उदयपुर रेल मार्ग के विद्युतीकरण का पटरी से उतरा कार्य अब तक गति नहीं पकड़ सका है। अजमेर, आदर्शनगर, मदार रेलवे स्टेशन का कार्य अब भी अधर में है।
अजमेर-उदयपुर विद्युतिकृत रेल मार्ग पर पहली ट्रेन चेतक एक्सप्रेस (उदयपुर-दिल्ली सराय रोहिला) वाया रींगस संचालित करने की कार्ययोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रथम कार्यकाल के दौरान ही बन गई थी। एक जून से चेतक एक्सप्रेस शुरू होने के संकेत मिलने के बाद रेलवे के इलेक्ट्रिक विभाग ने तैयारी शुरू कर दी थी। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से काम की गति मंद हो गई। आदर्शनगर (अजमेर) से उदयपुर के बीच कार्य पूरा हो गया, लेकिन अजमेर से आदर्श नगर, अजमेर से मदार स्टेशन के बीच व अजमेर रेलवे स्टेशन पर कार्य अध्ूारा है। एेसे १५ अगस्त तक ट्रेन संचालन की संभावना नहीं है।
यह रहा देरी का कारण
रेलवे इलेक्ट्रिक व रेलवे डिविजनल के बीच तालमेल के अभाव में तीनों जगह काम की गति धीमी है। शिकायतें है कि विद्युतीकरण के लिए इलेक्ट्रिक विभाग को समय पर ब्लॉक नहीं मिल रहा। उपकरणों व संसाधनों की कमी भी आड़े आ रही है।
कोटा से आ रहा बिल
आदर्शनगर से डेट मार्ग पर सबसे पहले विद्युतीकरण कार्य होने पर १० जनवरी २०१७ को रेलवे ने विद्युत लाइनों में २२०० वॉल्टेज का करंट छोड़ दिया। इसी प्रकार उदयपुर सेक्शन में भी विद्युत लाइनों में तीन माह पूर्व करंट प्रवाहित कर दिया गया। भीलवाड़ा सेक्शन के लिए सरेरी में मुख्य सब स्टेशन बनाया गया। करंट छोड़े जाने के बाद रेलवे ने हाई अलर्ट जारी कर क्षेत्र के वाहन चालकों व राहगीरों को भी सावचेत कर दिया। सूत्र बताते हैं कि आपूर्ति सीधे कोटा, बारां व रावतभाटा प्लांट से हो रही है। इसके लिए राज्य सरकार रेलवे को प्रति माह तीन से पांच लाख रुपए से अधिक का बिल भिजवा रही है। यह बिल कोटा से भेजा जा रहा है।
छह सब स्टेशन
रेलवे ने अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़ व उदयपुर जिले में छह रेलवे स्टेशन पर २५-२५ किलोवाट के विद्युत सब स्टेशन बनाए हैं। सरेरी व हमीरगढ़ तथा चित्तौडग़ढ़ में चंदेरिया रेलवे स्टेशन के निकट सब स्टेशन हैं। उदयपुर में दो सब स्टेशन व नसीराबाद के निकट एक सब स्टेशन है। भीलवाड़ा सेक्शन में सरेरी से विद्युत लाइनों में करंट दौड़ रहा है।………………
खपत के आधार पर बिल
अजमेर-उदयपुर रेल मार्ग के विद्युतीकरण का कार्य अंतिम चरण में है। अजमेर, मदार व आदर्शनगर स्टेशन क्षेत्र में ही कुछ कार्य शेष है। जिन सेक्शन में कार्य पूरा हो गया, वहां हाई वॉल्टेज करंट प्रवाहित हो रहा है। बिजली राज्य सरकार भिजवा करवा रही है और भुगतान खपत के आधार पर रेलवे कर रहा है।
महेश शर्मा, वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी, जयपुर (विद्युतीकरण)

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एक नजर

२९ फरवरी २०१६: विद्युतीकरण के लिए ३२०.२८ करोड़ का बजट

०२ जुलाई २०१६: अजमेर के आदर्शनगर से विद्युतीकरण कार्य शुरू
०६ जनवरी २०१७: उदयपुर-अजमेर रेल खंड पर हाईअलर्ट

१० जनवरी २०१७: २२०० वॉल्टेज का करंट छोड़ा

९ अक्टूबर २०१७: भीलवाड़ा में हाइट गेट लगाए

११ जनवरी, २०१८: आदर्शनगर से डेट स्टेशन तक विद्युतीकरण पूरा
२७ मार्च २०१८: मांडल-नसीराबाद के बीच पहला इंजन दौड़ा

१८ मार्च २०१९: उदयपुर-देबारी, डेट से चंदेरिया के बीच इंजन दौड़ा

२५ अप्रेल २०१९: चेतक एक्सप्रेस संचालन की बनी कार्ययोजना

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