न्यायाधीश ने फैसले में कहा कि अभियुक्त ने नाबलिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने का गंभीर अपराध किया है। अभियुक्त न केवल राज्य का बल्कि समाज का अपराधी है। ऐसे में उसे किसी तरह का लाभ देना न्याय संगत नहीं होगा। पुलगांव पुलिस ने अभियुक्त को 18 नवंबर 2016 को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। तब से जेल में निरुद्ध है।
17-18 नवंबर 2016 दरम्यानी रात 13 साल की नाबालिग का पिता रात एक बजे बाथरुम के लिए उठा था। बेटी के घर में नहीं होने पर उसने अपनी पत्नी को जगाया और दोनों उसे ढूंढने लगे। इसी बीच मासूम अभियुक्त के साथ आते दिखी। पूछताछ में पीडि़ता ने अपनी मां को बताया कि वह बाथरूम जाने के लिए कमरे से बाहर निकली थी। इसी बीच अभियुक्त ने उसका मुंह दबाकर मोहल्ले में बन रहे मकान में ले जाकर दुष्कर्म किया। उसने चिल्लाने की कोशिश की लेकिन अभियुक्त ने उसका मुंह दबा दिया था। पीडि़त परिवार ने पुलगांव थाना अभियुक्त के खिलाफ अपराध दर्ज कराया था।
सुनवाई के दौरान नाबालिग ने न्यायालय को बताया था कि अभियुक्त ने घटना का जिक्र नहीं करने की धमकी दी थी। साथ ही कहा था कि अगर रुपए की आवश्यकता हो तो इशारा कर देना वह रुपए दे देगा।
एफआइआर दर्ज कराते समय पीडि़ता की मां ने पुलिस को जानकारी दी थी कि जब वह अपनी बेटी से पूछताछ कर रही थी तो आरोपी अश्लील गाली गलौज करने लगा था। इसके बाद वह अपने पति के साथ लौट आई थी।