घटना शुक्रवार को दोपहर २.१५ बजे की है। इसके पहले जिला अधिवक्ता संघ व न्यायाधीशों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। शोकसभा के बाद सैंकड़ा भर अधिवक्ता ज्ञापन सौंपने कलक्टोरेट पहुंचे। पहले तो नीचे उन्हें सुरक्षा अधिकारियों ने रोक लगा दिया। करीब १५ मिनट के इंतजार के बाद अधिवक्ता जिद कर सीधे कलक्टोरेट पहुंचे। @Patrika. कलक्टर ने उन्हें यह कहते समय नहीं दिया कि उन्होंने ज्ञापन सौंपने की अनुमति नहीं ली हैं। इस पर कलक्टर कक्ष से अधिवक्ता यह कहते हुए बाहर निकल आए कि अब वे ज्ञापन नहीं सौंपेंगे। अधिवक्ता परिसर के बाहर नारेबाजी करने लगे। बाद में कलक्टर ने परिसर में खड़े अधिवक्ताओं से चर्चा की और ज्ञापन लिया।
अधिवक्ता संघ के सचिव रविशंकर सिंह ने कलक्टर को बताया कि उन्होंने स्टेनो रियाज से टेलीफोनिक चर्चा कर ज्ञापन सौपने की जानकारी दी थी। तब उन्होंने पहुंचने के बाद कलक्टर से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया था। इसके बाद ही वे कार्यालय पहुंचे। अधिवक्ताओं ने कहा कि स्टोनों जानबूझकर उन्हें भ्रामक जानकारी देते रहे कि कलक्टर बीजी है। @Patrika. अधिवक्ताओं की बात सुनने के बाद कलक्टर अंकित आनंद ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया तब अधिवक्ता शांत हुए। कलक्टर के स्टोनो से टैलीफोनिक चर्चा के बाद १०० से अधिक अधिवक्ता कलक्टोरेट पहुंचे थे। आतंकी घटना से देश के सभी नागरिक आहत है। ऐसे समय पर जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट रहना चाहिए। कलक्टर को जानकारी न देकर स्टोनो ने जानबूझकर यह कृत्य किया।
प्रधानमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में जिला अधिवक्ता संघ ने मांग की है कि इस बड़े हमले में त्वरित कार्रवाई की जाए। शीहद हुए सैनिक परिवार को ५-५ करोड़ की सहायता और सरकारी नौकरी दी जाए। @Patrika. जिला अधिवक्ता संघ ने ज्ञापन देकर आतंकी घटना की कड़ी निंदा की हैं।