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… सोलर पावर प्लांट लगाने की जगह कौन कर रहा कचरा

locationभिलाईPublished: Jul 19, 2019 11:27:28 am

बीएसपी और एनटीपीसी मिलकर सोलर पावर प्लांट लगाने स्थल तय किए हैं, नेवई की की उक्त जमीन पर बिना अनुमति के ही टनों से हो रहा कचरा डंप,

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भिलाई. केंद्र सरकार की योजना है कि सोलर पावर प्लांट भिलाई में लगाना है। इसके लिए नेवई में जगह चिंहित की जा चुकी है। जिस जमीन में इस प्लांट को लगाया जाना है, वहां बिना अनुमति के ही टनों से कचरा डंप किया जा रहा है। इससे एक ओर छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्याल (सीएसवीटीयू) के दामन पर दाग साफ नजर आ रहा है। वहीं यहां से कचरा चारों ओर फैल रहा है। इस जमीन को जिला प्रशासन ट्रेंचिंग ग्राऊंड बनने से रोक नहीं पा रहा है। इस मैदान के आसपास भी खड़े होने की स्थिति नहीं है।
सौर उर्जा से तैयार होगी ७ मेगा वाट बिजली
नेवई की इस जमीन पर नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) पावर कंपनी लिमिटेड मिलकर ७ मेगा वाट पावर सौर उर्जा संयंत्र लगाएंगे। एनएसपीसीएल ने इस जमीन को विस्तार परियोजना के लिए आरक्षित करने के संबंध में सूचना फलक (बोर्ड) भी लगा रखा है। बावजूद इसके इस जमीन को ट्रेंचिंग ग्राऊंड की तरह उपयोग कर रहे हैं।
200 करोड़ से लगना है प्लांट
भिलाई में केंद्र सरकार करीब दो सौ करोड़ रुपए की लागत से सोलर पावर प्लांट लगाने योजना तैयार की है। जल्द ही इस पर अमल शुरू हो जाएगा। केंद्र की योजना है कि सोलर एनर्जी से अधिक से अधिक बिजली पैदा किया जाए।
केंद्र सरकार से मिलना है बीस फीसदी राशि
छत्तीसगढ़ के भिलाई में सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना को मूर्त रूप देने में केंद्र की अहम भूमिका रहेगा। सोलर पावर प्लांट स्थापित करने की अनुमानित राशि करीब दो सौ करोड़ है। इसका 20 फीसदी करीब 40 करोड़ केंद्र सरकार वहन करेगी, शेष राशि 140 करोड़ लोन लिया जाएगा।
2020 तक होना है सौर उर्जा पावर प्लांट शुरू
केंद्र सरकार की मंशा है कि 2020 तक इस योजना के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में सोलर पावर प्लांट स्थापित करने की योजना है। 2020 तक केंद्र सरकार करीब एक हजार मेगावाट बिजली का उपयोग सौर ऊर्जा के माध्यम से करने की तैयारी में है। बिजली सोलर पावर प्लांट व रूफटॉप सोलर पैनेल के माध्यम से बनाने की योजना है।
निगम और बीएसपी कहां डाल रहे हैं कचरा
शहर से कचरा उठाकर बीएसपी जवाहर उद्यान और ३० एमएलडी के मध्य लेकर जा रहा है। वहीं नगर पालिक निगम, भिलाई कचरा उठाकर कुरूद में डंप कर रहा है। आखिर दोनों ने जब जगह तय कर कचरा डालना शुरू कर दिया है, तो नेवई में आरक्षित जमीन पर सीएसवीटीयू के सामने बड़ी तादात में टे्रक्टर ट्रॉली किसकी पहुंच रही है।
मरोदा डेम में पहुंच रहा कचरा
हवा से उड़कर नेवई के इस मैदान से कचरा उड़कर मरोदा झील में जा रहा है। यहां के पानी में अब कचरा तैरता नजर आने लगा है। बीएसपी प्रबंधन इस आरक्षित जमीन को घेर देता या सुरक्षा कर्मियों की २४ घंटे ड्यूटी लगा देता, तो कचरा डंप करना बंद हो जाता। यहां अब तक इस दिशा में पहल नहीं की गई है।
मिली है शिकायत
स्थानीय पार्षद चुम्मन देशमुख ने बताया कि नेवई के सौर उर्जा पावर प्लांट के लिए आरक्षित मैदान पर ट्रैक्टर ट्रॉली से कचरा डंप करने की शिकायत लोगों ने की है। शुक्रवार को जाकर मौके का जायजा लेंगे। इसके बाद ट्रॉली बीएसपी की होगी, तो उनके अधिकारी और अगर निगम की होगी तो आयुक्त से शिकायत करेंगे।
बीएसपी ने बदल दिया है जगह
बीएसपी के जनसंपर्क विभाग के मुताबिक कचरा नेवई में पहले जहां डाला जाता था। उस जगह को महीनों पहले बदला जा चुका है। अब वहां बीएसपी कचरा डंप नहीं करता है।
निगम के ठेकेदार को मना है ट्रैक्टर ट्रॉली से कचरा परिवहन करना
इधर नगर निगम आयुक्त एसके सुंदरानी का कहना है कि नगर पालिक निगम, भिलाई के ठेकेदार को ट्रैक्टर ट्रॉली से कचरा एकत्र करने व परिवहन करने से मना किए हैं। नेवई में कौन ट्रैक्टर ट्रॉली से कचरा डंप कर रहा है, यह मौके पर जाकर शुक्रवार को देखने से साफ होगा।

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