आईजी जीपी सिंह के सामने आत्मसर्मपण के बाद एमएमसी (महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़) जोन के एसजेडसी सदस्य एवं जीआरबी डिवीजन कमेटी के सचिव पहाड़ सिंह उर्फ कुमार साय उर्फ राम मोहम्मद सिंह टोप्पो से आईबी, एसआईबी समेत अन्य प्रदेश के पुलिस अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। उसने बताया कि नक्सली संगठन के शहरी नेटवर्क में भिलाई हमेशा से सेफ जोन रहा है। माओवादियों के सर्दी, बुखार, जलजनित बीमारी के इलाज के लिए गांव में ही उनके डॉक्टर हैं, लेकिन मुठभेड़ में घायल या गंभीर बीमारी होने पर वे इलाज कराने भिलाई आते हैं। यहां के कुछ नर्सिंग होम में वे 15 दिन से महीनेभर भर्ती रहते हैं। इसके बाद स्वस्थ्य होकर आसानी से लौट जाते हैं।
पहाड़ सिंह ने बताया कि भिलाई के लिए पहुंच मार्ग काफी आसान है। माओवादी प्रभावित पड़ोसी जिला राजनांदगांव, कबीरधाम, बालोद लगा हुआ है। मानपुर मोहला दल्ली राजहारा के रास्ते बड़ी आसानी से आ जाते है। यहां से कांकेर और बस्तर तक के नक्सली पहुंचते हैं। इसके अलावा भिलाई में कई संगठन है जो अपरोक्ष रूप से माओवादी विचारधारा के समर्थक हैं। वे भी उनकी मदद करते है।
0- सुपेला फरीद नगर से एक महिला नक्सली को गिरफ्तार किया था। उसके बच्चे यहां पढ़ाई करते थे।
0- नक्सली समर्थक वीरेन्द्र कुर्रे के घर से नक्सली साहित्य बरामद हुआ था।
0- सुपेला की एक हार्डवेयर दुकान संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह विस्फोटक सामग्री छिपाने में काम आने वाली वस्तुएं सप्लाई करता था।
0-भिलाई की महिला वकील रेखा परगनिहा के पति दीपक परगनिहा को नक्सली गतिविधियों में गिरफ्तार किया गया था।