निगम के सफाई ठेका कर्मी ने पत्रिका के सामने खाद्यान्न नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराई। नाम नहीं छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि बघेरा की राशन दुकान में उनका कार्ड है। यहां दुकानदार हर बार केवल एक महीने का शक्कर देकर अधिकतर हितग्राहियों को टरका देता है। पूछने पर कोटा नहीं आने व एक बार ही देने का नियम होने की बात कहकर टाल देता है। सफाई कर्मी की माने तो निगम क्षेत्र की अधिकतर दुकानों में यहीं शिकायत है।
दुकानदार शासन के नियमों का फायदा उठाकर हितग्राहियों का राशन डकार रहे हैं। दरअसल दो माह के चावल के साथ ही वितरण वाले महीने का शक्कर व दूसरे खाद्यान्न खरीदने का प्रावधान है। ऐसा नहीं किए जाने पर खाद्यान्न लेप्स मान लिया जाता है। वहीं चावल का उठाव नहीं होने से दूसरे माह अधिकतर संचालक दुकान ही नहीं खोलते। इससे समय पर हितग्राही राशन नहीं ले पाते।