करीब 15 मिनट में ओएचई लाइन को हटाया। राइट्स के 17 इंजीनियरों की मानिटरिंग में ठेकेदार के विशेषज्ञों ने रात ११.४८ बजे पहला गर्डर पिल्लर पर रखा। जिसे सेटिंग करने में लगभग एक घंटा लगा। इसी तरह से पांच गर्डर को ४० मीटर रेलवे पोर्शन के दोनों पिल्लर पर शिफ्ट करने का कार्य देर रात तक चलते रहा।
मेगा ब्लॉक के निर्धारित समय पर ४० मीटर लंबा, साढ़े चार फीट ऊंचा और ३८ टन वजनी स्टील के पांच कम्पोजिट गर्डर को रेलवे लाइन के पिल्लर पर चढ़ाना बड़ी चुनौती रही। मेगा ब्लॉक के लिए गुरुवार की रात ११.३० बजे निर्धारित था। इसके लिए डीआरएम कौशल किशोर सहित आला अधिकारी सुबह ७ बजे से तैयारी में जुट गए थे। जहां २५०-२५० टन हाई पॉवर क्षमता की दो हाईड्रोलिक के्रन की आवश्यकता थी। वहां चार हाइड्रोलिक क्रेन किराए पर मंगाया गया। दो क्रेन को साइट पर स्पेयर में खड़ा रखा गया था। ताकि तकनीकी परेशानी पर तत्काल इस्तेमाल किया जा सके।
29 करोड़ 93 लाख 21 हजार रुपए 3 अक्टूबर 2013 को प्रशासकीय स्वीकृति मिली
२२ करोड़ ९० लाख ६१ हजार रुपए में दिया है ठेका
8 5.20 मीटर टाउनशिप की ओर और 106 .25 मीटर नेहरू नगर और 46 .15 मीटर मध्य में लंबाई है।
48 4.34 मीटर नेहरू नगर और 38 1.70 मीटर भिलाई की ओर है लंबाई