दोनों शावकों का जन्म 15 जून को हुआ बात दें कि दोनों शावकों का जन्म 15 जून को हुआ था। मैत्रीबाग जू प्रबंधन की टीम की मेहनत और बाघिन गंगा के लाड प्यार सो अब दोनों शावक आजाद और रक्षा लगभग ढाई माह के हो गए हैं। शनिवार को दोनों शावकों का नामकरण संस्कार बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। दर्शकों की मौजूदगी ने शावकों के नामकरण संस्कार महोत्सव को और खास बना दिया। शावकों की परवरिश कर रहे डॉ. एनके जैन, नरसैया, नवलदास ओर मोहन की आंखों का इशारा भी अभी ये नन्हें शावक समझते हैं। दोनों शावक आजाद और रक्षा को उनकी मां गंगा के साथ ही डार्क रूम में रखा गया था।
बीएसपी मैत्रीगार्डन: नन्हें शावकों के नामकरण के लिए कीजिए 10 दिन इंतजार, 26 अगस्त को होना नामकरण पत्रिका के माध्यम से लोगों ने सुझाए एक हजार से भी अधिक नामपहली बार मैत्रीबाग प्रबंधन ने पहली बार सफेद बाघ का जोड़ा गंगा और किशन के नन्हे शावकों के लिए आम लोगों से नाम सुझाने की अपील की थी। पत्रिका भिलाई संस्करण ने इसके लिए सेव टाइगर मुहिम चलाया। 15 दिन में एक हजार से भी अधिक लोगों ने फेसबुक, वाट्सएप और पोस्ट कार्ड के जरिए अपना पसंदीदा नाम पत्रिका को सुझाए थे। शनिवार को मैत्रीबाग प्रबंधन ने इन्हीं नामों में से लॉटरी निकालकर नामकरण कार्यक्रम पूरा किया।
बीएसपी मैत्री गार्डन के प्यारे नन्हें शावकों को आज उनके नाम से पुकारेंगे, आपभी आइए हमारे नामकरण का साक्षी बनने हरी-हरी घास पर मां गंगा के साथ कर रहे थे अठखेलियांशनिवार को सुबह 9.30 बजे शावकों को पहली बार रूम से बाहर केज में निकाला गया। इसके पहले केज की सफाई की गई। दवाई का स्प्रे किया किया गया ताकि शवकों को किसी तरह का इंफेक्शन न हो। अभी दोनों शावक चार-पांच महीने तक मां के साथ ही रहेंगे। इसके लिए डार्क रूम के टेंपरेचर को 35 से 37 डिग्री के आसपास मेंटेन रखा जाएगा। बारिश में बिलकुल भी न भीगे इस बात का खासतौर ध्यान रखना है।