प्रदेश में अति वर्षा वाले जिले में केवल सुकमा ही ऐसा है जहां 60 फीसदी अधिक बारिश हुई। उसके बाद पांच जिले ऐसे हां जहां 20 से 59 फीसदी बारिश अधिक हुई जिसमें बीजापुर, बेमेतरा, रायपुर और कांकेर शामिल है। सामान्य बारिश वाले जिले में दुर्ग दसवें स्थान पर है। दुर्ग जिले में सिर्फ 9 फीसदी ही बारिश अधिक हुई है। खासकर अगस्त के आखिरी सप्ताह में 144 मिमी बारिश होने की वजह से बारिश का औसत सामान्य से अधिक चला गया।
शिवनाथ के कैचमेंट में अच्छी बारिश और जलाशयों से पानी छोड़े जाने के कारण महमरा एनीकट 17 दिनों से लगातार डूबा है। इस बीच शनिवार को बालोद में फिर बादल जमकर बरसे। इससे पहले से छलक रहे तांदुला में फिर पानी का दबाव बढ़ेगा और ज्यादा पानी छोडऩे की नौबत आ सकती है। इससे शिवनाथ का जलस्तर फिर बढऩे की संभावना है।
शनिवार को बालोद जिले के साथ तांदुला के कैचमेंट में करीब 5 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके साथ कैचमेंट से जलाशय में पहले ही पानी पहुंच रहा है। बारिश से पानी का दबाव दोगुना होने की संभावना बताई जा रही है।
पहले से चल रहा 1500 क्यूसेक पानी
शिवनाथ में तांदुला से पहले ही 1500 क्यूसेक पानी पहुंच रहा है। बारिश के बाद इसके 2 से 3 गुना तक पहुंच जाने की संभावना है। इसके अलावा मोंगरा व राजनांदगांव के दूसरे जलाशयों से शिवनाथ में 4000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
तांदुला – 1500 क्यूसेक
मोंगरा – ४000 क्यूसेक
जलाशयों की स्थिति
तांदुला – 100 प्रतिशत
खरखरा – ९३.११ प्रतिशत
गोंदली – ८२.९८ प्रतिशत
खपरी – 100 प्रतिशत ज्यादा परेशानी नहीं होगी
तांदुला जल संसाधन के ईई, बीजी तिवारी ने कहा कि शिवनाथ में अभी तांदुला से केवल 1500 क्यूसेक पानी आ रहा है। अभी इसमें बढ़ोतरी नहीं हुई है। कैचमेंट से पानी आया तो भी ज्यादा परेशानी नहीं होगी।