हडेली सीओबी (ITBP COB Kondagaon Baster) के कमांडर एवं असिस्टेंट कमांडेट सुरेश यादव ने बताया कि अंदरूनी इलाके में हर वक्त नेटवर्क की समस्या रहती है। यहां दो-चार ऐसे प्वाइंट हैं जहां थोड़ा नेटवर्क आता है। ऐसे में स्मार्टफोन को लटकाकर ब्लू टूथ की मदद से बात करने की कोशिश करते हैं। पहले एक डिब्बे में मोबाइल को पेड़ के सहारे ऊंचाई पर लटकाया जाता है। 50 मीटर तक रस्सी के सहारे लटकाने पर कई बार नेटवर्क मिलता है। वे नंबर डायल कर फोन डिब्बे में डालकर तेजी से रस्सी को खींचकर फोन को ऊपर उठाते हैं। फोन ब्लू-टूथ से कनेक्ट रहता है। नेटवर्क मिलने पर रिंग होती है और बात हो जाती है। कई बार एक-दो मिनट तक बात हो जाती है, अगर किस्मत सही रही तो पांच-दस मिनट तक यह सिलसिला चलता है।
शादी को चाहे सालभर हुआ हो या 25 साल गुजर गए हो ऐसे मौके गिनती के ही आए जब वे करवाचौथ पर अपनी पत्नी को हाथों से पानी पिलाकर व्रत पूरा करा पाए। बस्तर के कोंडागांव में तैनात आईटीबीपी 41 बटालियन की हडेली सीओबी के जवानों ने पत्रिका के संग जब अपने अहसास बांटे तो समझ आया कि सरहद पर यह जवान बहादुरी से ड्यूटी कर रहे हैं तो उनकी पत्नियां भी कम साहसी नहीं जो अपने पति की सलामती के साथ वतन की सुरक्षा की दुआ मांग रही है क्योंकि देश सुरक्षित होगा तभी उसका चांद भी सलामत रहेगा।