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भिलाई

टावर लगाने के नाम पर एक बृद्धा की जीवनभर की पूजी चट कर गए ठग

मोबाइल टावर का 45 हजार किराया और बेटों को नौकरी मिलने के झांसे मे आकर वृद्ध ने जीवनभर की पंूजी लूटा बैठी. दिल्ली के ठग गिरोह ने 37 किस्तो में 62 लाख रुपए जमा कर लिए.

भिलाईNov 28, 2019 / 12:07 pm

Beerendra Sharma

टावर लगाने के नाम पर एक बृद्धा की जीवनभर की पूजी चट कर गए ठग

टावर लगाने के नाम पर एक बृद्धा की जीवनभर की पूजी चट कर गए ठग

बीरेन्द्र शर्मा @ भिलाई. घर की छत पर निजी दूरसंचार कंपनियों का मोबाइल टावर लगवाकर हर महीने 45 हजार रुपए किराया और बेटों को ऊंचे ओहदे पर नौकरी मिलने की चाहत में शहर की एक बुजुर्ग दंपती अपने जीवनभर की कमाई लुटा बैठी। 10 -20 नहीं, पूरे 62 लाख रुपए ठगी का शिकार हो गई। दिल्ली के 10 लोगों के इस ठग गिरोह ने जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं, बुजुर्ग दंपती को अपनी जाल में ऐसा फंसाया कि ख्ुार्सीपार की यह दंपती 37 किस्तों में उनके बताए बैंक खाता नंबर पर मुंहमांगी रकम जमा करती गई। पति की मौत हो जाने के बाद अब वृद्धा ने अपनी पंूजी वापस दिलवाने पुलिस से गुहार लगाई है। ठग गिरोह को पकडऩे पुलिस की टीम दिल्ली और नोएडा में डटी हुई है।
वर्ष 2015 में पहली बार वृद्धा के पति के मोबाइल नंबर पर दिल्ली से देवेन्द्र जैन नाम के एक व्यक्ति का फोन आया। उसने कहा कि घर की छत पर भारती और रिलायंस कंपनी का मोबाइल टावर लगवाने पर हर महीने 45 हजार रुपए किराया मिलेगा। साथ ही उनके दोनों बेटों को कंपनी ऊंचे ओहदे पर नौकरी भी देगी। लेकिन इसके लिए एचडीएफसी कंपनी का इश्योरेंस भी लेना होगा। पहली बार 96 हजार 890 रुपए भारती कंपनी और 88 हजार 435 रुपए रिलायंस कंपनी के नाम पर देवेंद्र ने अपने खाते में जमा करवाया। वर्ष 2015 में ठगी का यह सिलसिला शुरू हुआ जो चार साल तक चलता रहा। आखिरी किस्त २ लाख 84 हजार 500 रुपए वृद्धा ने १९ जून 2019को जमा किया।
ऐसे लेते रहे झांसे में
– पहली बार इंश्योंरेंस पॉलिसी लेना अनिवार्य के नाम पर पैसे जमा करवाए।

– फाइल निकालना है इंट्रेस्ट के तौर पर पैसे देने होंगे।
– चालान के लिए पैसे जमा करने होंगे।
– चालान जमा करने में देरी होई पेनाल्टी लगेगी।
– आयकर विभाग से बोल रहा हंू, पैसे वापस चाहिए तो कुछ शुल्क जमा करने होंगे।

– कंपनी का फाइनेंस अफसर बनकर कहा कि पूरी रकम वापस मिलने वाली है , कुछ राशि जमा करनी होगी।
– एनओसी, चालान और जीएसटी के नाम पर रकम जमा करने कहा।
गिरोह में शामिल

देवेंद्र जैन- पहली बार फोन का झांसा दिया।

एके माथुर- फाइल निकलने वाली है कहकर इंट्रेस्ट के तौर पर पैसा जमा करवाया।
आदित्य वशिष्ठ- माथुर ने आदित्य के खाता नंबर पर रकम जमा करवाई।
कविता चौधरी- चालान जमा करने के नाम पर राशि जमा करने कहा।
आईएस सालुशन- कविता ने सालुशन के बैंक खाते में ही रकम डलवार्ई।

कुनाल- इनकम टैक्स विभाग का अफसर बताकर फोन किया।
मुन्ना देवी- कुनाल ने इन्हीं का बैंक खाता नंबर दिया।
रंजीत सिंह- आठ बार अपने खाते में रकम जमा करवाए।
बिजेंद्र सिंह- फारुकाबाद अपने बैंक खाते में राशि जमा करने कहा।

अजीत मेहरा- बीजे फाइनेंस कंपनी का अफसर बताकर फोन किया।

जान से मारने की भी धमकी
६२ लाख ठगी के बाद भी ठगों का मन नहीं भरा। देवेंद्र ने एक दिन वृद्धा को फोन कर कहा कि 11.५० लाख रुपए और जमा कर नहीं तो जान से मार देंगे। इतना ही नहीं वृद्धा की बेटी से गाली गलौज भी की। खुर्सीपार टीआई प्रणाली वैद्य मोबाइल टावर लगाने के नाम पर ६२ लाख रुपए की ठगी का मामला छ: माह पुराना है। मामले में जांच शुरू की। आरोपियों का क्लू मिला है। सात दिन से दिल्ली और नोएडा में हमारी डटी हुई है। जल्द ही आरोपी गिरफ्तार होंगे।

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