स्मृति नगर चौकी प्रभारी प्रमोद श्रीवास्तव ने बताया कि मृतक विश्वरूप राय के बड़े भाई अजीत राय आरोपी महिला कुवैस चौहान राय को नहीं पकडऩे का आरोप लगा रहा था। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर इस बार तीन सदस्यीय टीम के साथ राजस्थान के भीलवाड़ा गए थे। इस बार अजीत राय को भी साथ में ले गए थे, जिससे वह उसे पहचान सके। भीलवाड़ा में कुवैस किराए के मकान से रहती है। जब टीम के साथ पहां पहुंचे तो उसके घर पर ताला लटक रहा था। वह फरार हो गई थी। उसके मकान के सामने एम्बुस लगाकर आठ दिन तक रुके रहे, लेकिन वह नहीं लौटी। अंतत: खाली हाथ लौटना पड़ा।
पुलिस ने बताया कि विश्वरूप राय और कुवैस चौहान की मुलाकात राजस्थान में हुई थी। दोनों ने प्रेम विवाह किया था। विश्वरूप मूलत: अंबिकापुर मनेन्द्रगढ़ का निवासी था। परिजनों की सहमति से उसे लेकर घर आ गया। फिर भिलाई में आकर दोनों नौकरी करने लगे। कुवैस को पांच भाषा की जानकारी थी। इंजीनियरिंग की थी। इसलिए रुंगटा में नौकरी करने लगी।
विश्वरूप राय श्री शंकराचार्य कॉलेज में प्रशासनिक अधिकारी था। वहीं कुवैस रूंगटा कॉलेज की इंजीनियरिंग फैकल्टी में नाइजेरियन स्टूडेंट्स को पढ़ाती थी। स्मृति नगर आनंदपुरम में किराए के मकान में दोनों रहते थे। 6 अक्टूबर 2018 को विश्वरूप राय ने घर में ही फांसी लगा ली थी। पुलिस के मुताबिक उसकी पत्नी कुवैस और उसका बेटा घर पर ही थे। पत्नी बच्चे को लेकर राजस्थान चली गई। पति के अंतिम कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुई थी।
पुलिस ने विश्वरूप के बड़े भाई अजीत की शिकायत पर जांच की। पास पड़ोसियों से पूछताछ में जानकारी मिली कि उसकी पत्नी परेशान करती थी। दोनों में विवाद होते रहता था। जब वह ड्यूटी से घर आता था तो कुवैस कभी-कभी उसे अंदर नहीं घुसने देती थी। 10 अप्रैल को जांच के बाद कुवैस के खिलाफ धारा 306 के तहत अपराध दर्ज किया गया।