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दीपावली त्योहार पर गोबर से बने दीये से होंगे रोशन जिले के प्रशासनिक भवन

locationभिलाईPublished: Oct 17, 2019 10:51:50 pm

अभी तक लोगों ने मिट्टी के दीए सहित आर्टिफिशियल और चाइनीज दीए देखे है। अब लोगों को (हर्बल) गोबर से बने दीए देखने को मिलेंगे। इसी दीए से जिला मुख्यालय के कलेक्टोरेट सहित सभी सरकारी भवनों में दीपावली पर रोशनी की जाएगी। इसके लिए लगभग एक लाख दीए बनाए जा रहे हैं।

जिले के प्रशासनिक भवन दीपावली त्योहार पर गोबर से बने दीये से होंगे रोशन

जिले के प्रशासनिक भवन दीपावली त्योहार पर गोबर से बने दीये से होंगे रोशन

बालोद@Patrika. अभी तक लोगों ने मिट्टी के दीए सहित आर्टिफिशियल और चाइनीज दीए देखे है। अब लोगों को (हर्बल) गोबर से बने दीए (diyas made of cow dung) देखने को मिलेंगे। इसी दीए से जिला मुख्यालय के कलेक्टोरेट (Balod collectorate) सहित सभी सरकारी भवनों में दीपावली पर रोशनी की जाएगी। (Balod patrika) इसके लिए लगभग एक लाख दीए बनाए जा रहे हैं। (Diwali festival)
जिला पंचायत की पहल
जिले के ग्राम चरोटा की 10 महिलाएं इन दिनों गोबर के दीए बना रही है। जिला पंचायत की ओर से महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को एक लाख दीए बनाने का लक्ष्य दिया गया है। दीए बनने के बाद जिले के आला अधिकारी गोबर के आकर्षक दीए की खरीददारी करेंगे। महिलाओं को रोजगार के साधन और गौठानों में मवेशियों के गोबर के उपयोग के लिए यह पहल जिला पंचायत द्वारा की गई है।
प्रदेश में पहला जिला
जिला पंचायत के सीईओ लोकेश चन्द्राकर ने बताया कि महिलाओं को रोजगार के साधन से जोडऩा व गोबर के उपयोग के तहत यह पहल की गई है। यह शायद प्रदेश में पहला जिला होगा जहां गोबर के दीए बनाये जा रहे है। महिलाओं द्वारा बनाए गए दिए से सरकारी विभाग सहित घर और द्वार भी रौशन होंगे।
गोबर को मिट्टी में मिलाकर सांचे से बनाते है दीए
गोबर से दीए बनाने का प्रशिक्षिण ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत दिया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त ग्रामीण महिला कुमारी बाई ने बताया कि गौठान से गोबर लाकर उसे मिट्टी में मिलाते है और फिर उसे सांचे में रखकर दीए निकालते है। ग्राम चरोटा की कुमारी बाई के अलावा पोषीन बाई, मिलौतींन बाई, पुष्पा यदु, जयंती ठाकुर, सुखियारिन, प्रतिमा बाई, लाखो बाई व सुको बाई गोबर केदीए बना रही है।
जिले के प्रशासनिक भवन दीपावली त्योहार पर गोबर से बने दीये से होंगे रोशन
जैविक खाद के रूप में आएगा काम
ग्रामीण आजीविका मिशन के परियोजना अधिकारी नितेश साहू ने बताया कि इस योजना से महिलाएं जहां आर्थिक रूप से मजबूत होगी। वर्तमान में गोबर के दीए बनाने का काम हर ब्लाक के एक आदर्श गौठान और वहां की महिला समूह से कराया जा रहा है। जिले में पांच गांव की लगभग 60 महिलाए गोबर के दीए बना रही है। यह दीए जलने के बाद जैविक खाद के रूप में भी काम आएगा।
सरकारी कर्मचारियों के अलावा बाजारों में बेचे जाएंगे दीए
जिला पंचायत सीईओ लोकेश चन्द्राकर ने बताया कि यह अच्छी पहल है। महिलाएं गोबर के दीए बना रही हंै। वर्तमान में जिले के पांच गांव की महिलाओं द्वारा बनए दीए को सरकारी अधिकारी कर्मचारी के अलावा खुले बाजार में बेचे जाएंगे।
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