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बिजली खपत कम करने ८ लाख में कराया एनर्जी ऑडिट, अफसरों ने नहीं देखी रिपोर्ट

locationभिलाईPublished: Feb 15, 2019 07:20:16 pm

Submitted by:

Naresh Verma

बिजली बिल की खर्च में कटौती के लिए निगम प्रशासन ने कई तरीके अपनाए, लेकिन जब कोई समाधान नहीं निकला, तब खपत कम करने एनर्जी ऑडिट पर लगभग ८ लाख रुपए खर्च कर दिए।

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बिजली खपत कम करने ८ लाख में कराया एनर्जी ऑडिट, अफसरों ने नहीं देखी रिपोर्ट

भिलाई. बिजली बिल की खर्च में कटौती के लिए निगम प्रशासन ने कई तरीके अपनाए, लेकिन जब कोई समाधान नहीं निकला, तब खपत कम करने एनर्जी ऑडिट पर लगभग ८ लाख रुपए खर्च कर दिए। ताज्जुब की बात तो यह है कि निगम के अफसरों ने एनर्जी ऑडिट की इस १५० पेज की रिपोर्ट पर अमल करना तो दूर उसके निगम के अफसरों ने उसे पलटकर देखने तक की जहमत नहीं उठाई। खुद अफसरों ने समीक्षा के दौरान निगम आयुक्त एसके सुंदरानी को यह हैरान करने वाली जानकारी दी है।
दरअसल शहर के ३२ हजार स्ट्रीट पोल पर एलइडी लाइट्स लगाने के बाद बिजली के बिल में आई कमी को जानने के लिए आयुक्त ने सभी जोन कमिश्नर और नोडल अधिकारी की बैठक बुलाई। जब अधिकारियों से पूछा कि एलईडी लाइट्स एवं उसके मेंटनेंस पर चार करोड़ खर्च करने के बाद बिल में कितने की बचत हुई है, तो अधिकारी बगले झांकने लगे। कोई भी बिजली की खपत और कटौती के बारे में सही जानकारी नहीं दे पाए।
५० का दावा, कटौती सिर्फ २६ फीसद
नोडल अधिकारी टीके रणदीवे ने बैठक में सिर्फ इतना कहा कि एलइडी लगाने के बाद बिजली बिल पर २६ फीसद की बचत हुई है। जिस पर आयुक्त ने कहा कि जब निगम ने बिजली की खपत और बिल में कटौती के लिए एनर्जी ऑडिट कराया था। दो साल पहले रिपोर्ट सौंप दी थी। तो रिपोर्ट की सिफारिशों पर अमल क्यों नहीं किया गया। अधिकारी आयुक्त के इस सवाल का भी जवाब नहीं दे पाए। बैठक में उपस्थित एनर्जी ऑडिट करने वाले एजेंसी ने आयुक्त को पूरी रिपोर्ट की जानकारी दी। रिपोर्ट को फॉलो कर खर्च में ४० फीसद तक बचत होने की जानकारी दी।
एनर्जी ऑडिट में सुझाव, जिस पर ध्यान देते तो होती बिजली और पैसे दोनों की बचत
टाइम लिमिट – पावर पंप को बंद व चालू के लिए एक निश्चित समय निर्धारित करने का सुझाव दिया था।इससे बिजली के बिल में हर माह २ लाख रुपए तक बचत और पानी की बर्बादी को रोकने में सहायक होने का सुझाव दिया था। एजेंसी ने इंटकवेल और फिल्टर प्लांट की तरह पॉवर पंप को रोजाना ८-९ घंटा तक चालू होने की वजह से बिजली की अधिक खपत बताई है। साथ ही यह कहा है कि पावर पंप हाउस का चाबी आसपास के रहवासियों के पास है। लोग जब चाहे पंप को चालू कर छोड़ देते हैं।
अस्थायी कनेक्शन- शहर के १० पंप हाउस में अस्थायी कनेक्शन है। इसके कारण निगम को अधिक शुल्क देना पड़ रहा है। कायदे से पंप हाउस में स्थायी कनेक्शन दिया जाना चाहिए।
गोकुल नगर – गोकुल नगर कुरुद में १० एचपी का इंटीग्रेटेड अस्थायी कनेक्शन को स्थायी कराने कहा गया है। ऑडिटर का कहना था कि अस्थायी कनेक्शन से निगम को ८.६९ रुपए प्रति यूनिट की दर से बिल देना पड़ता है। स्थायी कनेक्शन लेने से ५.५० रुपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना करना पड़ेगा।
एवरेज बिलिंग- २० ऐसे पंप हाउस है। जिसका बिलिंग नहीं होता। लेकिन निगम से बिजली कंपनी बिल वसूल रहा है। इसी प्रकार ६० ऐसे स्ट्रीट है। जिसके पोल में लगे बल्ब का एवरेज बिल के अनुसार भुगतान किए जाने का रिपोर्ट दिया था।
लोड डिमांड में गड़बड़ी- शिवनाथ नदी इंटेकवेल में ५०० किलोवॉट एम्पियर की डिमांड है। इसे बढ़ाकर ६५० किलोवॉट एम्पियर करने कहा गया था। इंडस्ट्रियल एरिया के फिल्टर प्लांट में ६० एचपी की डिमांड के स्थान पर १०० एचपी की लोड डिमांड लेना बताया है। ४० एचपी की डिमांड को कम करने का सुझाव दिया था।
हैवी लोड कनेक्शन – मोरिद इंटकवेल में एचवी-६ टाइप के कनेक्शन लगाया जाना था। लेकिन कंपनी ने एचवी-३ कनेक्शन लगाया है। जबकि इस प्रकार के हैवी कनेक्शन सीमेंट कारखाना में लगाया जाता है। एचवी-३ से एचवी-६ कनेक्शन लगाने पर निगम को हर साल ६ लाख रुपए की बचत होने का सुझाव दिया था।
राज एनर्जी ने डेढ़ साल तक किया था सर्वे
बिजली कंपनियों का ऑडिट कराना एक लंबी प्रक्रिया है। इसके बावजूद निगम प्रशासन ने २०१५ में बिजली बिल के खर्च में कटौती के लिए भारत सरकार की ओर से अधिकृत राज एनर्जी से ऑडिट रायपुर की ८ लाख रुपए में ठेका दिया था। एजेंसी के संचालक संजय मिश्रा की टीम ने सालभर सर्वे किया। शहर के छोटे-बड़ी गली, मोहल्ले की ११०० सड़कों के किनारे लगे ३१८०० स्ट्रीट पोल चिन्हित किए। १८ हजार पोल पर ट्यूब लाइट, १०८०० पोल में सीएफएल और ३ हजार पोल में सोडियम बल्ब लगे होने की जानकारी जुटाई। सोडियम बल्ब और अधिक वॉट के ट्यूब लाइट्स के कारण बिजली खपत अधिक होना बताया था। बदलने से सालभर में डेढ़ करोड़ तक बचत होने की रिपोर्ट दी थी। निगम ने एजेंसी के किसी भी सुझाव को फॉलो नहीं किया। सिर्फ ३२ हजार पोल पर एलइडी लगाने का ठेका दिया।
इस संबंध में निगम आयुक्त एसके सुंदरानी ने बताया कि एनर्जी ऑडिट रिपोर्ट को फॉलो किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक मोटर पंप, कनेक्शन के लोड को बदला जाएगा। इससे बिजली का खर्च में ३५-४० फीसद तक आसानी से बचत हो सकती है। यह काम बिना किसी खर्च के संभव है।
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