दरअसल इन सफाई कर्मियों की मांग है कि वे ठेका पद्धति में काम नहीं करना चाहते। पिछले दो वर्षों से नगर निगम के अधीन इन कर्मचारियों द्वारा सफाई कार्य किया जा रहा था, लेकिन अचानक अब ठेके में काम लेने का निर्णय लिया गया। जिससे यह कर्मचारी नाराज हैं। ठेका पद्धति के खिलाफ एकजुट हुए इन सफाई कर्मियों को निगम के अधीन काम करने में कोई आपत्ति नहीं है। निगम प्रशासन द्वारा लिए गए इस निर्णय के बाद इन कर्मचारियों ने अपने भविष्य की चिंता जताते हुए हड़ताल शुरू कर दी।
नहीं लौटना चाहते ठेका पद्धति मेंप्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि वे ठेका पद्धति में फिर से लौटना नहीं चाहते हैं। पहले भी ठेकेदार के अधीन काम कर रहे थे तो उस दौरान दो दो माह तक वेतन नहीं मिल रहा था। इसे लेकर काफी प्रदर्शन भी हुए। नगर निगम के अधीन होने के बाद सबकुछ सही हो गया। कर्मियों को प्रतिमाह समय पर वेतन मिल रहा है और इससे सभी कर्मचारी खुश भी हैं। अब जब दोबारा ठेका पद्धति में लौटेंगे तो वही दिन देखने होंगे।