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छात्रसंघ चुनाव, विश्वविद्यालयों की गफलत से उच्च शिक्षा मंत्री पांडेय हैरान, बोले हम क्यों दे सूचना ?

locationभिलाईPublished: Sep 20, 2018 11:53:12 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

दोनों ही विश्वविद्यालय गफलत में रह गए। विवि ने शैक्षणिक कैलेंडर को नजर अंदाज कर छात्रसंघ मनोनयन की प्रक्रिया शुरू ही नहीं कराई।

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छात्रसंघ चुनाव, विश्वविद्यालयों की गफलत से उच्च शिक्षा मंत्री पांडेय हैरान, बोले हम क्यों दे सूचना ?

भिलाई . छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय और हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में छात्रसंघ मनोनयन की प्रक्रिया 31 अगस्त तक पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन दोनों ही विश्वविद्यालय गफलत में रह गए। विवि ने शैक्षणिक कैलेंडर को नजर अंदाज कर छात्रसंघ मनोनयन की प्रक्रिया शुरू ही नहीं कराई।
कैलेंडर के हिसाब से चलते
दरअसल, दोनों विवि इस इंतजार में थे कि उच्च शिक्षा विभाग मनोनयन करने की सूचना जारी करेगा। इधर, विश्वविद्यालयों के इस कारनामे पर उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने भी हैरानी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि दोनों विवि के शैक्षणिक कैलेंडर में 22 से 31 अगस्त तक छात्रसंघ मनोनयन की तिथि तय है। ऐसे में विभाग उन्हें अलग से सूचना क्यों देगा? ये विवि का काम था कि वे कैलेंडर के हिसाब से चलते।
यह विद्यार्थी हैं पात्र
छात्रसंघ मनोनयन के लिए तय नियमों के हिसाब से अध्यक्ष पीजी संकाय से बनाया जाएगा। पीजी के तृतीय सेमेस्टर का छात्र इसके लिए पात्र होगा, यह जानते हुए भी हेमचंद यादव विवि ने अब तक पीजी सेकंड सेमेस्टर के नतीजे जारी नहीं किए हैं। दरअसल, छात्रसंघ मनोनयन कराने विवि की नींद दो दिन पहले १७ सितंबर को खुली है। वो भी यह देखकर की रविवि ने अपने कॉलेजों का मनोनयन करा लिया।
हर काम में रविवि का अनुसरण करने वाला हेमचंद विवि छात्रसंघ के गठन के मामले में अलग रह गया। अब हेमंचद यादव विवि कॉलेजों को नया फॉर्मूला दे रहा है। यानी जब पीजी सेकंड सेमेस्टर के रिजल्ट घोषित होंगे तब अध्यक्ष चुना जाएगा। उससे पहले कॉलेज अन्य पद तय करेंगे।
अधिकारियों उलझाए रखा
छात्रसंघ मनोनयन के लिए हेमचंद विवि रिजल्ट का इंतजार कर रहा है, लेकिन सभी नतीजे जारी करने के बाद भी प्रदेश का इकलौता तकनीकी विवि सीएसवीटीयू मनोनयन कराने में पीछे रह गया। सीएसवीटीयू ने अपने कॉलेजों को इस बारे में कोई जानकारी न दी और न ही उनसे कुछ मालूम किया। लिहाजा, इंजीनियरिंग, फॉर्मेसी सरीखे तमाम कॉलेज भी पूरी तरह से निश्चिंत हो गए। इसके उलट, हेमचंद विवि के कॉलेजों ने छात्रसंघ मनोनयन की जानकारी मांगी, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें उलझाए रखा।
पुराने नियम से ही मनोनयन

मनोनीत होने वाले विद्यार्थी के लिए जरूरी होगा कि उसने सभी परीक्षाएं तय अवधि में पूरी की हो। पूरक और एटीकेटी से पास हुए विद्यार्थियों को मौका नहीं मिलेगा, भले ही वें टॉपर क्यों न हो। इसी तरह नकल प्रकरण, अपराधिक मामले भी नहीं होना चाहिए। अध्यक्ष पीजी के तृतीय सेमेस्टर से बनेगा। उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने बताया कि
छात्रसंघ मनोनयन शैक्षणिक कैलेंडर के हिसाब से कराना है। यह विश्वविद्यालय का काम है कि वे कैलेंडर के हिसाब से ही चलें। विभाग अलग से क्यों सूचना देगा? कुलपतियों से इस संबंध में चर्चा करता हूं।
रजिस्ट्रार डीएन सिरसांत ने बताया कि छात्रसंघ मनोनयन को लेकर हमें विभाग से कोई सूचना नहीं मिली। हर साल विभाग अधिसूचना जारी करता आ रहा है। मालूम करता हूं कि छात्रसंघ गठन के लिए क्या करना है। जो नियम में है, उसका पालन करेंगे। कुलसचिव हेमचंद विवि डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि छात्रसंघ गठन के लिए कॉलेजों को निर्देशित कर दिया गया है। पीजी कक्षाओं के रिजल्ट भी जल्द जारी कर दिए जाएंगे। गठन प्रक्रिया पुराने नियमों से ही होनी है। अध्यक्ष पीजी से बनेगा।
जिला संयोजक एबीवीपी कमल शर्मा ने बताया कि हेमचंद विवि ने अब तक पीजी के नतीजे जारी नहीं किए हैं। इसलिए भी छात्रसंघ मनोनयन में देरी हो रही है। गुरुवार को कुलपति से मिलकर इस बारे में चर्चा करेंगे। इसके लिए पहले भी विरोध किया था।जिलाध्यक्ष एनएसयूआई आदित्य सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्रसंघ चुनाव कराने में सरकार भयभीत थी, लेकिन मनोनयन से भी घबराएगी, ये नहीं पता था। विवि वैसे भी शैक्षणिक कैलेंडर का पालन नहीं कर रहे हैं।

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