नवजात बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनवाते वक्त लोग फॉर्म जल्दबाजी में भरते हैँ। इसके बाद उसमें हुई गलती सुधार करवाने दतर का चक्कर काटते हैं। अब जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के बाद, उसमें सुधार करवाना आसान नहीं होगा। नवजात के जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन फॉर्म को बिल्कुल सही-सही भरें।
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दस्तावेज को भी करना है संलग्नजन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए मांगे गए सारे दस्तावेज भी आवेदन के साथ संलग्न करना है। अपडेट होने के बाद सिस्टम उन आवेदनों को ही ऑनलाइन स्वीकार कर रहा है, जिसमें मांगे गए सारे दस्तावेज मौजूद हैं। इस वजह से इसमें एक घंटे से भी अधिक वक्त लग रहा है।
जन्म व मृत्यु से जुड़ा पूरा डेटा सरकारी पोर्टल सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम पर डिजिटली मौजूद रहेगा। स्कूल-कॉलेज या किसी भी शैक्षणिक संस्थान में एडमिशन समेत अन्य जरूरत के लिए जन्मतिथि के प्रमाण के लिए सिर्फ यही डिजिटल सर्टिफिकेट काफी होगा।
अब बच्चे के जन्म पर माता और पिता दोनों को ही अपना धर्म रजिस्टर करवाना होगा। दोनों को धर्म बताना अनिवार्य है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मॉडल रूल के तहत यह बदलाव किए हैं। केंद्र सरकार अब जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर डेटा स्थापित करेगा, जो डिजिटली उपलब्ध रहेगा।