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BSP हादसा: जिस जगह 14 कार्मिकों की मौत, वह फैक्ट्री क्षेत्र में शामिल नहीं, जांच की दिशा पर उठ गए बड़े सवाल

locationभिलाईPublished: Oct 16, 2018 09:38:29 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

भिलाई इस्पात संयंत्र के कोक ओवन बैटरी-11 के पीछे जहां पर 9 अक्टूबर को कोक ओवन गैस पाइप लाइन में विस्फोट से अब तक 14 कार्मिकों की जान चली गई है, वह क्षेत्र फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकृत ही नहीं है।

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BSP हादसा: जिस जगह 14 कार्मिकों की मौत, वह फैक्ट्री क्षेत्र में शामिल नहीं, जांच की दिशा पर उठ गए बड़े सवाल

भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र के कोक ओवन बैटरी-11 के पीछे जहां पर 9 अक्टूबर को कोक ओवन गैस पाइप लाइन में विस्फोट से अब तक 14 कार्मिकों की जान चली गई है, वह क्षेत्र फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकृत ही नहीं है। प्रबंधन ने संयंत्र में संचालित 43 फैक्ट्रियों का लायसेंय लिया है, लेकिन जहां पर कर्मियों की अपनी जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ता है, उसे किसी भी फैक्ट्री में शामिल नहीं किया है।
जांच की दिशा बदल सकती
बताया जा रहा है कि इससे हादसे की जांच की पूरी दिशा ही बदल सकती है। ऐसी स्थिति में किसी को भी हादसे के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। हालांकि उप संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा केके द्विवेदी ने कहा है कि घटनास्थल को कोक ओवन फैक्ट्री का क्षेत्र मानकर जांच कर रहे हैं। कार्रवाई भी इसी आधार पर की जाएगी।
नहीं जोड़ा जाता सरकारी रिकॉर्ड में
गैर पंजीकृत फैक्ट्री में अगर दुर्घटना होती है, तो उसे औद्योगिक दुर्घटना नहीं माना जाता। सरकारी रिकॉर्ड में इसे जोड़ा नहीं जाता। जबकि किसी पंजीकृत फैक्ट्री में दुर्घटना होती है तो वहां के मैनेजर पर मामला दर्ज किया जाता है। यह फैक्ट्री है ही नहीं, तब किसे फैक्ट्री मैनेजर के तौर पर पेश किया जाएगा। चूंकि हादसा बड़ा हो गया।
अब तक 14 कार्मिकों की जान चली गई है। 9 लोगों को अब भी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसलिए इस्पात मंत्रालय से लेकर स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने अपनी-अपनी जांच कमेटी की घोषणा की है। जिला प्रशासन भी दंडाधिकारी जांच करवा रहा है।
पुलिस ने तो चार अफसरों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण भी दर्ज कर लिया है। लेकिन संयंत्र के जानकारों का कहना है कि हादसा स्थल फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकृत किसी भी फैक्ट्री के दायरे में नहीं आता। इसलिए जांच और उसके नतीजे प्रभावित होने की पूरी संभावना है। दोषियों को सजा मिलेगी इस बात पर भी अब संदेह जताया जा रहा है।
जोखिम फिर भी फैक्ट्री एक्ट में पंजीयन नहीं
जो विभाग फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं है उनमें एआरएस, सीआरएम, ईएमडी, सीईडी, सीएचएम, एचएमई, आईएण्डए, पीईएम, पीएलईएम, पीडीएस, ईटीएल, आरसीएल शामिल है। इन स्थानों में अगर किसी तरह की दुर्घटना होती है, तो वह फैक्ट्री एक्ट के तहत आएगा कि नहीं अब यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। चंूकि यहां सेफ्टी कमेटी नहीं बनती। इसलिए यहांं काम करने वाले विभाग में मौजूद खामियों को उजागर नहीं कर पाते हैं।
विडंबना : कर्मियों की जान जोखिम में फिर भी फैक्ट्री का पंजीयन नहीं
१. दुर्घटना हो तो भी प्रबंधन जवाबदेह नहीं
फैक्ट्री में छोटी घटना भी होती है और कर्मचारी 48 घंटे से अधिक अनफिट रहता है, तो इसकी सूचना फैक्ट्री इंस्पेक्टर को देनी होती है। वहीं मामला बिना पंजीयन के स्थान का होता है, तो प्रबंधन उससे साफ बच निकलता है। आए दिन इस तरह के मामले होते रहते हैं।
२.जान क्यों न चली जाए, रिकॉर्ड में दुर्घटना नहीं
संयंत्र में सीएचएम-१,२,३ के कर्मचारी औजार लेकर हर दिन अलग-अलग विभाग में जाकर मेंटनेंस का काम करते हैं। एक विभाग से सामान लेकर वे दूसरे विभाग में जाते हैं और संयंंत्र के भीतर दुर्घटना ग्रस्त हो जाए, तो वे फैक्ट्री में दुर्घटनाग्रस्त हुए नहीं कहलाते।
३. सेफ्टी कमेटी का यहां नहीं करते गठन
सेफ्टी कमेटी का गठन प्रबंधन महज २१ फैक्ट्री में करता है। इसके अलावा २२ में यह कमेटी गठित नहीं की जाती। इससे २२ फैक्ट्री के कर्मचारियों को कमेटी की बैठक में प्रतिनिधित्व नहीं मिलता।
जहां घटना हुई है वह किसी फैक्ट्री में नहीं
अध्यक्ष, सीटू एसपी डे ने बताया कि बीएसपी के अधीन में जिस तरह से फैक्ट्रियों का पंजीयन हुआ है, घटना स्थल उस लिहाज से किसी भी फैक्ट्री में नहीं आ रहा है। इस मामले में सीटू ने प्रबंधन को पत्र देकर मांग की थी कि पूरे बीएसपी को सेल की अन्य इकाइयों की तरह एक फैक्ट्री के रूप में पंजीकृत करवाएं।
बयान लेने की प्रक्रिया पूरी हो रही है
डिप्टी डायरेक्टर, सुरक्षा व स्वास्थ्य विभाग, छग शासन, केके द्विवेदी ने बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र में जिस स्थान पर हादसा हुआ है, वह कोक ओवन फैक्ट्री है। सुरक्षा व स्वास्थ्य विभाग इसको आधार मानकर जांच कर रहा है। बयान लेने की प्रक्रिया पूरी हो रही है, इसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
यहां बनती है सेफ्टी कमेटी
बीएसपी के जिन फैक्ट्रियों में सेफ्टी कमेटी का चुनाव होता है, उनमें ब्लॉस्ट फर्नेस, कोक ओवन, सिंटर प्लांट, एसपी-2, एसपी-3, ओएचपी, बीबीएम, रेलमिल, मर्चेंट मिल, प्लेट मिल, एसएमएस-1, एसएमएस-2 शामिल है। सेल की अन्य यूनिटों की तरह बीएसपी को भी एक फैक्ट्री के तौर पर पंजीकृत किया जाए। यह मांग उठती रही है।
सीटू नेता पिछले कुछ सालों में इस मांग को दोहराते रहे हैं कि पूरे बीएसपी का एक फैक्ट्री के तौर पर पंजीयन किया जाए। संयंत्र के भीतर सड़क पर दुघर््ाटना हो या प्लांट के भीतर सभी मामले बीएसपी के कहलाएंगे। प्रबंधन अब तक इस मांग को मानने तैयार नहीं है, जिसका नुकसान कर्मियों को हो रहा है।
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