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… जब बीएसपी को पीड़ित के खाता में डालना पड़ा एक लाख

locationभिलाईPublished: May 27, 2019 11:36:21 am

दूषित रक्त चढ़ाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश के बाद बीएसपी प्रबंधन ने पीड़ित परिवार के खाता में एक लाख रुपए डाल दिया है।

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भिलाई. दूषित रक्त चढ़ाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश के बाद भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने आनन-फानन में पीड़ित परिवार के खाता में एक लाख रुपए डाल दिया है। आयोग ने इस बार इस मामले में इस्पात सचिव को हाजिर होने के लिए निर्देश दिए थे। जिसके कारण तत्काल आयोग की बातों को स्वीकार करते हुए बीएसपी चिकित्सालय ने अपने कर्मी के खाते में अंतरिम राहत जमा कर दी है। आयोग ने पीड़ित परिवार को न्यायालय में घसीटने पर भी आपत्ति उठाई है। पीडि़त परिवार को पूरा न्याय मिले इसके लिए सभी संस्थाओं खासकर तीनों राष्ट्रीय स्तर की बाल आयोग, राष्ट्रीय एडस नियंत्रण समिति, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रबंधन की नोटिस का कड़ा जवाब दिया है, पीड़ित पक्ष का साथ दिया जाएगा और जिम्मेदार पर कार्रवाई की जाएगी।
दिए है कार्रवाई के आदेश
दूषित रक्त चढ़ाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सेक्टर-9 हॉस्पिटल पर कार्रवाई का आदेश दिया है। बच्चे को दूषित खून चढ़ाने वालों पर एक्शन लेने के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) को आदेश दिया है। यह बात पीड़ित परिवार ने बताया। उनका कहना है कि स्वास्थ्य मंत्रालय व नाको की दूषित रक्त चढ़ाने के आरोप में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सेक्टर-9 हॉस्पिटल पर कार्रवाई का आदेश दिया है।
आयोग ने कहा था मदद करने
परिवार का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्रालय और नाको की अनुशंसा पर सेल को तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया है। साथ ही पीड़ित परिवार को एक लाख की आर्थिक मदद करने आयोग ने कहा था। जिस पर अब अमल किया गया है।
कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी
प्राथमिकी तौर पर एक लाख की अंतरिम राशि देने का निर्देश पिछले आदेश में दिया था। इसके साथ चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई के आदेश पर पालन न करने पर पीएचआर अधिनियम 2013 की धारा 13 के तहत कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। इसके अलावा पुलिस मुख्यालय अधीक्षक को मामले की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
किया था ब्लड बैंक का निरीक्षण
एनबीटीसी, सीडीएससीओ और एफडीए की राष्ट्रीय स्तरीय संयुक्त जांच दल ने सेक्टर-9 ब्लड बैंक का निरीक्षण किया था। जिसकी रिपोर्ट पेश करना है। बच्चे को दूषित रक्त चढ़ाने के मामले में पीडि़त परिवार ने राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक बीएसपी को घेरा है।
यह है आरोप
परिवार का आरोप है कि दूषित रक्त चढ़ाने से बच्चा एचआइवी पीड़ित हो गया है। इससे उसकी जिंदगी तबाह हो गई है। इस मामले को लेकर पिछले साल राज्य सरकार ने सेक्टर-9 हॉस्पिटल के ब्लड बैंक का लाइसेंस कैंसिल कर दिया था। बाद में राहत दी गई।

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