राजस्व विभाग की टीम ने दूसरे दिन ९६ घरों का सत्यापन किया। वहां निवासरत ५६ परिवार को रहवासी होने का सहमति पत्र प्रदान किया। इसमें लगभग ४४ परिवार ऐसे थे जिन्हें आवास आवंटित नहीं था। दूसरे के नाम से आवंटित आवास में रह रहे थे। बदले में उन्हें किराया देते हैं। अब निगम प्रशासन ने कब्जाधारी और आवास की आवश्यकता होने के आधार पर उन्हें सरकारी आवास को आवंटित करने का निर्णय लिया है।
रहवासियों को सात दिन के अंदर मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र (तहसीलदार) परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड, दिव्यांग/वरिष्ठ नागरिक है तो प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, फोटो ग्राफ्स, मोबाइल नंबर, पति- पत्नी का सयुंक्त प्रमाण-पत्र, निगम क्षेत्र में कहीं पर आवास/भूखंड नहीं होने का शपथ पत्र निगम कार्यालय में जमा करने कहा है। नगर निगम के राजस्व विभाग प्रभारी नीरज पाल, राजस्व अधिकारी अशोक द्विवेदी, योजना अधिकारी मूर्ति शर्मा, सहायक राजस्व अधिकारी व नजूल विभाग प्रभारी हरचरण सिंह अरोरा, प्रकाश अग्रवाल, कनिका ढारगांवकर, उन्मेष साहू, रमेश वर्मा की मौजूदगी में वीडियोग्राफी की गई।
नेहरू नगर वाम्बे आवास योजना के १९२ आवास है। इसमें से ११२ आवास में स्वय अलॉटी निवासरत पाए गए। वहीं ८० आवासों में अन्य लोग रह रहे हैं। इसमें ४४ लोगों ने अपने आवास को किराए पर देकर कमाई कर रहे थे। वहीं ३६ परिवार के रैश्ने आवास नेहरू नगर में आवंटित है, लेकिन आवास पर अन्य लोगों का कब्जा होने की वजह से रैश्ने आवास नेहरू नगर में रह थे। निगम प्रशासन ने सभी को सहमति पत्र दिया। सात दिन के अंदर दस्तावेज जमा करने के बाद स्थायी आवंटन देने की बात कही गई। साथ ही किस्त की राशि के लिए सभी को डिमांड लेटर जारी किया जाएगा।
शुक्रवार को नेहरू नगर स्थित रैश्ने आवास के रहवासियों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। रहवासियों को सहमति पत्र प्रदान किया जाएगा। रैश्ने में कुल २७२ आवास है। इसमें से १६३ आवास में मूल आवंटी रह रहे हैं। १०९ मकान में अन्य लोग हैं। जिन्हें निगम ने आवंटित नहीं किया है। आइएचएसडीपी आवास २१२ मकान है। इसमें १८५ मकानों में मूल एलॉटी निवासरत है। २७ मकान में अन्य लोग रह रहे हैं।