भाजयुमो के प्रदेश प्रमुख नितेश कुमार मिश्रा का कहना है कि निगम प्रशासन ने डेवलपमेंट स्मार्ट स्कूल एप विथ कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करने के लिए 28 फरवरी को निविदा बुलाई थी। जिसमें मुंबई की फारबिनरी टेक प्रायवेट लिमिटेड मुंबई महाराष्ट्र को 31 लाख 99 में एप डिजाइन करने, एक साल मेंटनेंस की शर्त पर ठेका दिया।
काम पूरा नहीं हुआ
कंपनी ने आचार संहित लागू होने से पहले 1 मार्च को एफडीआर के रूप में 95970 रुपए जमा किया। अपना काम शुरू किया। एप तैयार हुआ नहीं है, लेकिन निगम प्रशासन ने शिक्षा उपकर मद से 30 मार्च को एजेंसी को कुल लागत राशि का 65 फीसद 20 लाख 48 हजार रुपए एडवांस भुगतान कर दिया। जो कि गलत है। काम पूरा नहीं हुआ है।
कंपनी ने आचार संहित लागू होने से पहले 1 मार्च को एफडीआर के रूप में 95970 रुपए जमा किया। अपना काम शुरू किया। एप तैयार हुआ नहीं है, लेकिन निगम प्रशासन ने शिक्षा उपकर मद से 30 मार्च को एजेंसी को कुल लागत राशि का 65 फीसद 20 लाख 48 हजार रुपए एडवांस भुगतान कर दिया। जो कि गलत है। काम पूरा नहीं हुआ है।
स्मार्ट स्कूल प्रोजेक्ट में 27 स्कूल
नगर पालिक निगम प्रशासन के स्मार्ट स्कूल प्रोजेक्ट में 27 शासकीय स्कूल को शामिल किया है। इसमें नेहरू नगर, वैशाली नर, वीर शिवाजी नगर, रिसाली, मदर टेरेसा और सेक्टर-5 के 3-3 शासकीय स्कूल शामिल है। तीन स्कूल में एक उच्चतर माध्यमिक, पूर्व माध्यमिक और प्राथमिक स्कूल है। निगम ने सेटेलाइट सिस्टम से पढ़ाई के लिए स्मार्ट स्कूल एप बनवाया है। जिसमें कक्षा- पहली से लेकर कक्षा-12वीं के सिलेबस को एप के माध्यम से एक ही समय में एक साथ बच्चों को पढ़ाया जाएगा।
नगर पालिक निगम प्रशासन के स्मार्ट स्कूल प्रोजेक्ट में 27 शासकीय स्कूल को शामिल किया है। इसमें नेहरू नगर, वैशाली नर, वीर शिवाजी नगर, रिसाली, मदर टेरेसा और सेक्टर-5 के 3-3 शासकीय स्कूल शामिल है। तीन स्कूल में एक उच्चतर माध्यमिक, पूर्व माध्यमिक और प्राथमिक स्कूल है। निगम ने सेटेलाइट सिस्टम से पढ़ाई के लिए स्मार्ट स्कूल एप बनवाया है। जिसमें कक्षा- पहली से लेकर कक्षा-12वीं के सिलेबस को एप के माध्यम से एक ही समय में एक साथ बच्चों को पढ़ाया जाएगा।