परिसीमन में ज्यादा आबादी वाले वार्डों के मतदाताओं का नाम नजदीक के कम आबादी वाले वार्डों में समायोजित हो जाएंगे। इसके बाद प्रत्येक वार्ड की आबादी 5500 से 6000 के बीच हो जाएगी। प्रदेश के नगरीय निकाय में नवंबर-दिसंबर में चुनाव होगा। नगरीय प्रशासन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी गई है। इसी के तहत राज्य शासन ने फरवरी में प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के वार्डों का आबादी के आधार पर नए सिरे से परिसीमन के लिए कहा था।
नगरीय निकायों के वार्डों का परिसीमन न्यायालय के आदेश पर कराया जा रहा है। नगरीय निकायों के पिछले चुनाव में कई निकायों में वार्डों में आबादी के अंतर को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। मामला न्यायालय तक भी पहुंचा था। इस पर न्यायालय ने चुनाव से पहले परिसीमन के निर्देश दिए थे। इसी के तहत इस पर यह परिसीमन कराया जा रहा है।
नगर निगम और राजस्व विभाग की टीम ने वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानकर सर्वे किया। आबादी और मकानों की संख्या की गणना कर वार्डों की सीमाएं तय की। इसी आधार पर सूचना प्रकाशित कर परिसीमन किया जाएगा। इससे पहले वर्ष 2004 में चुनाव से पहले वार्डों का परिसीमन कराया गया था। इसमें आबादी के साथ क्षेत्रफल को भी आधार बनाया गया था।
पिछले चुनाव से पहले निगम स्तर पर ज्यादा आबादी वाले बोरसी व उरला को विभाजित किया था। निगम आयुक्त दुर्ग सुनील अग्रहरि ने बताया कि शासन के निर्देश के मुताबिक वार्डों का सर्वे कर चौहद्दी तय कर ली गई है। वार्डों की संख्या पूर्ववत रखते हुए आबादी के आधार पर सीमा तय की गई है। चुनाव आचार संहिता के कारण सूचना प्रकाशन का काम रूका है। चुनाव के बाद सूचना प्रकाशित कर औपचारिकता पूरी की जाएगी।