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सवा लाख के लिए शिक्षक बन गया हत्यारा

locationभिलाईPublished: Jan 20, 2016 08:39:00 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

बीमा क्लेम की राशि के चेक पर दस्तख्त नहीं करने पर हुआ था विवाद

लोहारिया थाना क्षेत्र के मेतवाला गांव में पांच दिन पूर्व महिला की हत्या एक शिक्षक ने गला घोंटकर की थी क्योंकि पति की मौत के बाद मिली क्लेम राशि के चेक पर सूरता हस्ताक्षर नहीं कर रही थी। इस बात को लेकर शिक्षक और सूरता के मध्य विवाद चल रहा था। वारदात का पर्दाफाश करते हुए पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि हत्या के आरोप में पीपलखूंट के काकरवा विद्यालय के शिक्षक मेतवाला निवासी राजेन्द्र कुमार पुत्र कचरू लाल सोलंकी को गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि 15 जनवरी को मेतवाला चावड़ाफला गांव के पास सूरता पत्नी नाथू चावड़ा शव खेत के पास झाडि़यों से बरामद हुआ था।
कॉल डिटेल से आरोपी तक पहुंची पुलिस
इस पर घाटोल डिप्टी वीराराम के निर्देशन में सीआई बाबूलाल रैगर एवं बाबू लाल मुरारिया सहित अन्य पुलिस कर्मियों टीम बनाई गई। एफएसएल टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्रित किए। अनुसंधान में टीम ने मृतका की कॉल डिटेल निकलवाई। साईबर क्राइम एक्सपर्ट प्रवीण वैष्णव एवं प्रवीण सिंह ने विश्लेषण किया तो राजेन्द्र की सूरता से लगातार बातचीत होना सामने आया। इस पर हुए शक पर गांव में पूछताछ की तो सूरता एवं राजेन्द्र के अवैध संबंधों की बात सामने आई। साथ में यह भी सामने आया कि दोनों के मध्य किसी पॉलिसी को लेकर विवाद चल रहा है। फिर राजेन्द्र की गतिविधियों पर नजर दौड़ाई गई तो वारदात के दिन से लेकर उसकी सभी गतिविधियां संदिग्ध लगी। साथ ही सूरता का मोबाइल नंबर भी अपने पास नहीं होने की जानकारी दी। जबकि कॉल डिटेल में लगातार उसके नम्बर सामने आए। पुलिस ने जब आरोपित से कड़ी पूछताछ की तो वह फूट पड़ा और वारदात उगल दी।
हत्या के पीछे बीमा पॉलिसियां
एसपी ने बताया कि सूरता नेपति नाथू की टीबी से मौत से पहले पांच लाख रुपए की दो बीमा पॉलिसियां करवाई थी। इनकी किश्तें राजेद्र भरता था। यूको बैंक में खाता भी इसी ने खुलवाया और क्लेम की कार्रवाई भी राजेन्द्र ने की। 13 जनवरी को इंश्योरेंस कम्पनी का सर्वेयर आया। तब दोनों में विवाद हुआ। इसमें राजेन्द्र का कहना था कि किश्तें भरने एवं सर्वेयर खर्च सहित अन्य मामलों में उसका करीब एक लाख 25 हजार रुपए खर्च हो गए और सूरता क्लेम राशि के चेक पर हस्ताक्षर नहीं कर रही है। राजेन्द्र का मानना था कि अब सूरता किसी के बहकावे में आकर चेक पर हस्ताक्षर नहीं कर रही है। इसके चलते राजेन्द्र को डर था कि उसके रुपए भी डूब जाएंगे। 14 जनवरी को शाम करीब साढ़े छह-सात बजे सूरता जब खेतों में पानी पिलाने गई थी तो पीछे से राजेन्द्र भी पहुंच गया, वहां उसने पहले तो सूरता को विश्वास में लेकर चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए मनाया। सूरता नहीं मानी तो आरोपित ने रास्ते में सूरता का शॉल से गला घोंटकर मार दिया और शव झाडि़यों में फेंक दिया।
आरोपित के घर पर काम करती थी सूरता
डिप्टी वीराराम ने बताया कि सूरता शिक्षक राजेन्द्र के घर पर वर्ष 2011 से काम कर रही थी। इसके एवज में राजेन्द्र सूरता को 600 रुपए महीने के साथ खाना भी देता था। दोनों के मध्य दस-पन्द्रह बार बातें भी होती थी। इसके चलते सूरता राजेन्द्र पर पूरा भरोसा भी करती थी।
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