जानकारी के अनुसार टीकम जंघेल बीते दिनों प्रथमिक शाला बिजनापुर में पहुंचा और उसने वहां मध्यान्ह भोजन की जानकारी लेनी चाही। शाला के शिक्षक ने उसे कहा कि आज स्कूल की छुट्टी हो गई है अधिक जानकारी के लिए आप कल आइए। इस बात को लेकर टीकम जंघेल भड़क गया और वह शिक्षक से हाथापाई को उतारू हो गया। शाला स्टाफ द्वारा बीच बचाव कर मामले को शांत किया गया।
स्कूल के शिक्षकों ने बाद में मोहारा थाने में टीकम जंघेल के खिलाफ एफ आईआर लिखाई जिसकी तफ्तीश के लिए अगली सुबह मोहारा पुलिस ने तीन पुलिस वालों को टीकम जंघेल के घर भेजा गया। जंघेल ने पुलिस से कहा कि उसे खेत में काम है। थोड़ा कम निपटा कर मैं आपके साथ जाने को तैयार हंू। खेत पहुंच कर टीकम ने पुलिस को चकमा देकर कीटनाशक का सेवन कर लिया और वापस आते समय पुलिस को रास्ते में बताया कि उसने जहर खा लिया है। पुलिस ने तत्काल 102 से उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल राजनांदगांव पहुंचाया, जहां डाक्टरो नें उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक के दोस्त खेमलाल ने बताया कि मृतक के घर वालों ने उससे कहा कि आज सुबह टीकम को मोहारा पुलिस थाने लेकर गई है। जब खेमलाल थाने पहुंचा तो पुलिस ने बताया कि उसने जहर खा लिया है, उसे अस्पताल लेकर गयेे हंै। अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। मृतक के नाम 7 एकड़ की खेती भी है। उसके मित्र ने बताया कि बैक से ऋण दिए बिना बैंक वालों ने उस पर साढ़े तीन लाख का कर्ज बकाया निकाल रखा है, इस कारण भी मृतक मानसिक रूप से परेशान था।
मृतक के 90 वर्षीय पिता सुंदर लाल जंघेल व पत्नी सहित तीन बच्चे भी इस घटना को लेकर खासे परेशान हैं। मृतक के पिता ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
मृतक टीकम जंघेल उम्र 44 वर्ष पिता सुंदर लाल जंघेल ने आत्महत्या के पूर्व एक सुसाइडल नोट छोड़ा है। इस पत्र में उसने डोंगरगढ टीआई नासिर बाठी, मोहारा थाना प्रभारी और डोंगरगढ़ के भाजपा नेता राजकुमार द्विवेदी सहित पांच लोगों का नाम लिखकर कहा है कि ये सब उसे परेशान कर रहे थे, जिस वजह से वह खुदकुशी कर रहा है।