इससे पहले गाडिया लौहारों ने स्वयं को पुनस्र्थापित करने की मांग को लेकर दिनभर उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना दिया। उनकी मांग पर नगर पालिका की ओर से कस्बे में अलवर रोड पर भूखंड आवंटित करने का पत्र जारी किया। एसडीएम ने गाडिया लौहारों के साथ हुए समझौते की जानकारी दी। इसके बाद प्रशासन के अधिकारी पुलिस जाब्ते के साथ गाडिया लौहारों के डेरा को मौके से हटाने की कार्रवाई के लिए पहुंच गए। कार्रवाई नगर के एसीजेएम (प्रथम) के आदेश पर की गई थी। कार्रवाई के दौरान वार्ड नम्बर 5 से पार्षद व शंखनाद फाउण्डेशन के संयोजक वेदप्रकाश पटेल वहां पहुंच गए और जाब्ते के दुव्र्यवहार करने को लेकर नाराजगी जताई। पार्षद को मौजूद अधिकारियों ने समझाया लेकिन अडियल रवैये को लेकर थाना प्रभारी मीणा उखड़ गए और पार्षद के बाल पकड़ कर थप्पड़ जड़ दिए। बाद में पार्षद को शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस व प्रशासन ने कार्रवाई कर गाडिय़ा लौहारों के डेरा को हटवा दिया।
गौरतलब रहे कि गाडिया लौहारों को स्थायी आवास दिलाने की मांग को लेकर काफी समय से शंखनाद फाउण्डेशन की ओर से आंदोलन किया जा रहा है। इसको लेकर जिला कलक्टर को भी ज्ञापन भी सौंपे हैं। इसी के तहत सोमवार को उपखंड कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन भी किया गया। उधर, पार्षद वेदप्रकाश पटेल ने बताया कि वह गाडिया लौहारों से दुव्र्यवहार नहीं करने के लिए पुलिस को टोका था, जिस पर थाना प्रभारी ने कहा कि ये नेतागिरी कर रहा है। इसको पकड़ लो। घटना को लेकर मंगलवार को समाज व अन्य लोगों की पंचायत कर फैसला लिय जाएगा। वहीं, जिला पुलिस अधीक्षक हैदरअली जैदी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई चल रही थी। पार्षद के विरोध करने पर पुलिस ने रोका, जिस पर विवाद हो गया। घटना की वजह क्या हुई, उसकी जानकारी की जा रही है।