आदेश पर विभाग ने 16 टीम गठित की हैं। इसमें प्रति टीम एक पशुचिकित्सक के साथ पांच कम्पाउण्डर अलग-अलग गौशालाओं में गोवंश के रखरखाव की जमीनी हकीकत देख रहे हैं। क्योंकि, प्रशासन ने विभाग को गौशालाओं में चारा-दाना के लिए भंडारगृह, छाया-पानी, टीन शैड, दवाइयां, पशुआहार, गर्मी के कारण गोवंश बीमार तो नहीं हैं आदि व्यवस्थाएं का जायजा लिया जा रहा है। ऐसे में अव्यवस्था मिलने पर नोटिस जारी कर अनुदान पर रोक लगा दी जाएगी।
सर्वे कराने का उद्देश्य भीषण गर्मी है और गर्म हवा चल रही हैं। ऐसे में गोवंश बिना छाया-पानी, टीन शैड, आहार और बीमारी से ग्रसित होकर तड़प तो नहीं रहा। ऐसा होने पर टीम अव्यवस्थाओं की रिपोर्ट तीन दिन में जिला प्रशासन को सौंपेगी। उनके निर्णय के बाद कार्रवाई की जाएगी।
जिले में सर्वे के दौरान पंजीकृत गौशालाओं में 13 हजार 296 गोवंश था। तब गौशाला संचालकों को इस वर्ष जनवरी का 01 करोड 06 लाख रुपए अनुदान दिया था। वहीं फरवरी और मार्च 2019 का 02 करोड़ 06 लाख रुपए से अधिक अनुदान देना है। लेकिन, अब गर्मी में गौशालाओं में व्यवस्थाएं अव्यवस्थित मिली तो अनुदान पर रोक लगा दी जाएगी।
जिले में पशुपालन विभाग से पंजीकृत 16 गौशालाएं हैं। इनमें से अधिकांश को सर्वे के बाद अनुदान देने के प्रावधान है। गौरतलब है कि विभाग की ओर से गौशाला में दो सौ या इससे अधिक गोवंश होने पर छोटे प्रति बछड़ा-बछड़ी को 16 रुपए और बड़े प्रति गोवंश को 32 रुपए के हिसाब से भुगतान किया जाता है। पशुपालन विभाग भरतपुर के संयुक्त निदेशक डॉ. नगेश चौधरी ने बताया कि गर्मी को देखते हुए गौशालाओं का जायजा लेने के आदेश प्रशासन ने दिए हैं। यहां गोवंश के लिए सुविधाओं की स्थिति देखी जाएगी। वहीं अव्यवस्था मिलने पर नोटिस के बाद अनुदान रोक दिया जाएगा।