को-ऑपरेटिव से जुड़ी 349 ग्राम सेवा सहकारी समितियां हैं। इनमें भरतपुर में 265 और धौलपुर की 84 समितियां शामिल हैं। खरीफ के ऋण के लिए दोनों जिलों के लगभग 59 हजार 960 किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया है। इनमें भरतपुर में 16 हजार 525 ने पंजीयन कराया हैं।
इनमें करीब 05 हजार 319 नए सदस्य हैं। वहीं धौलपुर में करीब 09 हजार 641 ने पंजीयन कराया है इनमें 12 सौ से अधिक नए किसान हैं। दोनों जिलों के 81 सौ से अधिक किसानों को लगभग 20 करोड़ रुपए का ऋण वितरित कर दिया है। भरतपुर में करीब 12 करोड़ और धौलपुर में 08 करोड़ 20 लाख रुपए का ऋण किसानों को दिया है।
गौरतलब है कि जिले में 265 सहकारी समितियां हैं, जिनसे लगभग एक लाख सदस्य जुड़े हैं। जुडऩे के साथ इन्हें को-ऑपरेटिव से फसली ऋण की सुविधा दी जाती है। लेकिन, अब द्वितीय चरण में उन्हें ऋण नहीं दिया जा रहा है जो अवधिपार की श्रेणी में हैं। इसलिए अब ऋण उन्हें दिया जा रहा है जो नए और अवधिपार की श्रेणी में नहीं हैं।
सैंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक भतरपुर में एमडी बिजेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि खरीफ फसल पर अल्पकालीन ऋण वितरण शुरू हो गया है। अब तक भरतपुर-धौलपुर जिले से ऑनलाइन पंजीयन कराने वाले आठ हजार से अधिक किसानों को करीब बीस करोड़ रुपए का ऋण दे दिया है।