वैसे संक्रमण की वजह राज्य के अन्य जिलों में मजूदरी कर रहे लोगों का अपने जिले में बिना जांच के प्रवेश, मंडी में बिना मास्क घुमना और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाना माना जा रहा है। इस स्थिति में जब सर्वे कराया गया तो 61 हजार परिवारों के मुखिया बेरोजगारी से त्रस्त पाए गए। इनके पास कोई साधन नहीं था, जिससे ये अपने परिवार के 2 लाख 44 हजार सदस्यों का पेट भर सकें।
इसलिए इन परिस्थितियों में चिह्नित प्रत्येक परिवार को उचित मूल्य की दुकान से जल्द ही 10 किला गेहूं व 2 किलोग्राम चना की दाल देने की व्यवस्था की जा रही है। इसमें दर्जी, नाई, धोबी, खाती, कुम्हार आदि 36 श्रेणियां हैं, जो खाद्य सुरक्षा योजना से भी नहीं जुड़े हैं। ऐसे परिवारों को संक्रमण की स्थिति में नि:शुल्क गेहूं व चना की दाल की व्यवस्था की जाएगी।
वहीं इसके लाभ से पूर्व चिह्नित परिवारों को आधार या जन आधार अपडेट कराना अनिवार्य होगा। इसके अभाव में मजदूर को राशन की दुकान से गेहूं व चना की दाल मिलने का लाभ नहीं दिया जाएगा। जिला रसद अधिकारी भरतपुर बनवारी लाल मीणा का कहना है कि सर्वें में चिह्नित लगभग 61 हजार जरुरतमंद परिवारों को गेहूं व चना की दाल का वितरण जल्द किया जाएगा। इसकी तैयारी में विभाग लगा है।