वन विभाग की भरतपुर शहर में दो, बयाना में दो, नदबई में दो व डीग में एक पौधशाला है जहां विभिन्न किस्म के पौधे तैयार किए जाते हैं। इसके लिए विभाग को बारिश से तीन माह पहले ही पौधे तैयार करने का लक्ष्य मिल जाता है। इसके चलते वर्ष 2018-19 में करीब 3.40 लाख पौधे बनाने का लक्ष्य मिला था। वहीं वर्ष 2019-20 में 1.5 लाख पौधों का लक्ष्य मिला है।
लक्ष्य को लेकर विभाग ने नर्सरी में छायादार के नीम, शीशम, करंज, चुरैल, अमलताश, बोतल ब्रुश व फूलदार में कन्नेर, नागदौन, हिमेलिया, मोंगरा, हारश्रृंगार, मेहंदी, हैज, गुडहल, बोगन विला, एरन की पौध तैयार की है। अब नर्सरियों में करीब 85 हजार पौधे पिछले वित्तीय वर्ष के और नई पौध 1.5 लाख उपलब्ध है। दो लाख से अधिक पौधों को मानसून आते ही वितरित किया जाएगा।
इसके लिए विभाग ने विभिन्न प्रजातियों के पौधों की अलग-अलग दर निर्धारित कर रखी है। इसमें दो से तीन फीट का पौधा आठ रुपए, एक फीट का पांच रुपए, तीन से पांच फीट का 15 रुपए, पांच से आठ फीट का पौधा 40 रुपए बिक्री की है। मगर, वन क्षेत्र या सरकारी स्कूल, सरकारी विभाग, स्काउट-गाइड , शैक्षणिक व स्वयंसेवी संस्थानों को एक पौधा नियमानुसार एक रुपए में देना निर्धारत है। वन विभाग भरतपुर में डीएफओ वी. केतन कुमार का कहना है कि जिले की नर्सरियों में विभिन्न प्रजाजियों की नई पौध तैयार है। वहीं पिछले वर्ष के बचे पौधे भी रखे हैं। इन्हें मानसून की दस्तक के साथ बिक्री शुरू की जाएगी। इनकी अलग-अलग दर निर्धारित है।