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मुकदमों के लगे ढेर, जिले में नहीं अनुसंधान अधिकारी

locationभरतपुरPublished: Jun 03, 2019 12:03:11 pm

Submitted by:

rohit sharma

पुलिस महकमे में चल रही नफरी की कमी जिले की कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनी रही है। हाल ये है कि कहीं पुलिस थानों में स्वीकृत पद के हिसाब से स्टॉफ नहीं है तो कहीं कुछ पुलिसकर्मियों के हवाले ही चौकी चल रही हंै।

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भरतपुर. पुलिस महकमे में चल रही नफरी की कमी जिले की कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनी रही है। हाल ये है कि कहीं पुलिस थानों में स्वीकृत पद के हिसाब से स्टॉफ नहीं है तो कहीं कुछ पुलिसकर्मियों के हवाले ही चौकी चल रही हंै। अधिकारियों की बात की जाए तो जिले में एसटी-एसटी सेल और अभय कमाण्ड सेंटर में सीओ के 5 पद लम्बे समय से रिक्त चल रहे हैं। इसमें एसटी-एससी सीओ का पद लम्बे समय से रिक्त चल रहा है। इस पद पूर्व में लगाए आरपीएस अधिकारी देवीसहाय मीणा को बाद में नवसृजित नगर सर्किल सीओ पद लगाने के बाद से यह पद खाली चल रहा है। इसी तरह थानों पर आईओ की कमी से पेडिंग मुकदमों की संख्या में लगातार बढ़ी हुई है। जबकि हाल में हुई बैठकों में बढ़ती पेडिंग को लेकर पुलिस अधीक्षक खासी नाराजगी जता चुके हैं। जिले में अनुसंधान अधिकारियों की कमी के चलते ज्यादातर थानों पर कार्यरत आईओ के पास ढेरों फाइल जांच में पड़ी हुई है। समय पर अनुसंधान नहीं होने से जिले में लम्बित मामले करीब 41 फीसदी तक पहुंच चुके हैं, जो प्रदेश में सर्वाधिक है। जबकि पीएचक्यू के अनुसार पेडिंग 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसकी मुख्य वजह से जिले में अनुसंधान अधिकारियों की कमी है। जिले में एएसआई के 116 व एसआई के 61 पद रिक्त चल रहे हैं। इन दोनों की पदों की जांच में खासी भूमिका होती है।
मेवात में कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए पहले खोह व कैथवाडा चौकी को पुलिस थाने में बदलने और फिर नदबई इलाके में लखनपुर को थाना बनाने के बाद जिले में अब थानों की कुल संख्या 27 हो गई है। जबकि जीआरपी थाना अलग है। इसमें शहरी सर्किल में 6 थाने, ग्रामीण में 4, बयाना सर्किल में 5, भुसावर में 3, कामां में 3 तथा डीग सर्किल में 3 व नगर सर्किल में 3 पुलिस थाने हैं। वहीं, जिले में चौकियों की संख्या 46 हैं। जिले के कई थानों में नफरी की कमी से पुलिस को अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में खासी मशक्कत उठानी पड़ रही है। वहीं, कुछ ऐसे भी थाने हैं, जहां तय सीमा से अधिक की नफरी बनी हुई है और आईओ के पास काम तक नहीं है। यहां हलैना थाने पर हैड कांस्टेबल के 4 पद है जबकि 6 तैनात हैं। इसी तरह कांस्टेबल 18 के मुकाबले 23 हैं। वहीं, सीकरी में हैड कांस्टेबल के 5 पद है जबकि 2 ज्यादा तैनात हैं। वहीं, रुदावल में कांस्टेबल के 24 पद हैं जबकि 8 ही मौजूद हैं। इसमें कोर्ट एलसी, एसपी कार्यालय डाक, तामील, अवकाश व संतरी ड्यूटी के बाद 8 में से एक-दो ही शेष बचते हैं। यहां नदबई थानें पर एएसआई 14 पर हैं जिनमें 4 ही कार्यरत हैं। इसी तरह नगर थाने पर 52 की स्वीकृत नफरी में से 39 ही कार्मिक हैं। एसआई 1, एएसआई के 4 रिक्त हैं। मेवात के कामां थाने पर एएसअई 7, एचसी 6 और कांस्टेबल के 13 पद रिक्त हैं। वहीं, जुरहरा थाने पर एएसआई 3, कांस्टेबल के 5 पद रिक्त हैं। इसी तरह रूपवास में एसआई 1, एएसआई 6 और कांस्टेबल के 13 पद खाली बने हुए हैं। भुसावर में एसआई 1, एएसआई 3, एससी 5 और कांस्टेबल के 6 पद रिक्त हैं।
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