भीलवाड़ा से आए चालक गोपाल टेलर व नीरज दाहिना ने बताया कि लॉक डाउन से निजात के बाद राजस्थान-उत्तर प्रदेश सरकार में हुए समझौते के तहत सीमाएं खोल दी गईं। इससे अपने राज्य में पहुंचने के लिए रजिस्टे्रशन कराने वाले मजदूरों का रास्ता भी खोल दिया, लेकिन, नियम के तहत। इसलिए राजस्थान के भीलवाड़ा, अजमेर, ब्यावर आदि जिलों में फंसे मजदूरों को रारह बॉर्डर तक पहुंचाया है।
भरतपुर डिपो के मुख्य प्रबंधक अवधेश शर्मा का कहना है कि सैंकड़ों प्रवासी मजदूरों को भीलवाड़ा, अजमेर, ब्यावर आदि स्थानों से राजस्थान रोडवेज की बसों से लाकर भरतपुर में राजस्थान-उत्तर प्रदेश सीमा पर राज्य के बॉर्डर रारह तक पहुंचाया है। इसके बाद यूपी प्रशासन ने आगे रवाना किया। वहीं यात्री भार बढऩे से जयपुर के लिए बस संचालन की संख्या बढ़ा दी है।