इन जिलों में चलेगा अभियान
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कुष्ठ रोगी खोजी अभियान भरतपुर, अलवर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, पाली व उदयपुर के सभी 73 ब्लॉकों व शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा।ये वो जिले हैं जिनमें अभी भी कुष्ठ रोगी सामने आ रहे हैं। अकेले भरतपुर जिले में अभी भी 15 कुष्ठ रोगी पंजीकृत हैं।
एक हजार लोगों पर एक टीम
विभाग की ओर से 11 सितम्बर से 24 सितम्बर 2019 तक चलाए जाने वाले कुष्ठ रोगी खोजी अभियान के लिए टीमें गठित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके लिए औसतन एक हजार की जनसंख्या पर एक टीम काम करेगी। इस टीम में एक आशा/आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/अन्य महिला कर्मी व एक पुरुष स्वयंसेवक होगा। यह पूरी टीम डोर-टू-डोर सर्वे कर कुष्ठ रोगियों की खोज करेगी।
ये हैं कुष्ठ रोग के लक्षण
– शरीर पर लाल, पीले चकत्ते हो जाते हैं।
-चकत्ते वाले स्थान पर त्वचा सुन्न रहती है।
-प्रभावित त्वचा पर पसीना नहीं आता।
-नाक, कान की हड्डी गलने लगती है।
– प्रभावित अंग व हिस्से में घाव हो जाते हैं।
ये है उपचार
– शरीर पर यदि पांच तक चकत्ते हैं तो कुष्ठ रोग का 6 माह तक उपचार चलता है।
-शरीर पर यदि पांच से अधिक चकत्ते हैं तो कुष्ठ रोग का 9 माह तक उपचार चलता है।
वर्जन
विभाग की ओर से भरतपुर समेत सात जिलों में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 11 सितम्बर से 24 सितम्बर 2019 तक चलेगा। अभियान के तहत ऐसे रोगियों को खोजा जाएगा जो संकोचवश व अज्ञानवश कुष्ठ रोग का उपचार नहीं ले पाते।
– डॉ. असित श्रीवास्तव, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भरतपुर।