जानकारी के अनुसार चिचाना में सहकारी समिति से जुड़े किसानों ने करीब 45 लाख रुपए का ऋण लिया था, जिसे माफ कर दिया है। शिविर में किसानों ने प्रभारी मंत्री से ऋणमाफी में अनियमितता की शिकायत की। इस पर जिला कलक्टर ने जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई का आश्वासन दिया।
चिचाना ग्राम सेवा सहकारी समिति में करीब 336 सदस्य हैं। इनमें से 195 किसानों को ऋणमाफी के लिए पात्र माना गया। इनमें से मौके पर मौजूद 27 किसानों को ऋणमाफी प्रमाण पत्र दिए। शेष को वितरित किए जाएंगे। प्रभारी मंत्री ने बताया कि घोषणा के अनुरूप किसानों का ऋण माफ कर दिया। उन्होंने सूची से कटे गरीबों के नाम को जोडऩे के लिए कलक्टर व उपखंड अधिकारी से कहा।
जिला कलक्टर डॉ. आरुषि अजेय मलिक ने योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 30 नवम्बर 2018 का फसली ऋण बकाया है। इसकी सूचनाएं अपलोड की जा रही हैं। अनावधिपार ऋण प्रकरणों में पोर्टल पर कृृषक के मूल ऋण 30 नवम्बर 2018 तक के ब्याज एवं शास्ति की सूचनाएं भी अपलोड की जा रही हैं। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान के पास आधार नम्बर होना अनिवार्य हैा। अब आठ फरवरी को उवार व तरोंडर में शिविर लगाया जाएगा।