भरतपुर-धौलपुर में 349 ग्राम सेवा सहकारी समितियां संचालित हैं। इनमें भरतपुर में 265 और धौलपुर में 84 समितियां हैं। समितियों से भरतपुर में 1.20 लाख और धौलपुर में 70 हजार किसान जुड़े हैं। इनमें से पात्र किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने प्रथम चरण में 280 करोड़ रुपए ऋण वितरण का लक्ष्य रखा है।
इसके अन्तर्गत भरतपुर में 09 हजार 323 और धौलपुर में 873 किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन करा दिया है। इनमें से जून से अब तक 32 किसानों को 09 लाख रुपए ऋण का वितरण कर दिया है। गौरतलब है कि इनमें सैंकड़ों किसान ऐसे हैं जिन्होंने गत वर्ष ऋण लिया, लेकिन निश्चित समयावधि में नहीं चुकाया। इसके चलते ये अवधिपार की श्रेणी में आए। ऐसे किसानों को अब अल्पकालीन फसली ऋण का लाभ नहीं मिलेगा। क्योंकि, ऑनलाइन आवेदन उसी किसान का स्वीकार होगा जिसने ऋण चुकता कर दिया है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार ने वर्ष 2018 व 2019 में करीब 01 लाख 32 हजार किसानों को लगभग 358 करोड़ रुपए का ऋण दिया था। जिसमें माफ भी किया गया। लेकिन सैंकड़ों किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने ऋण वापस नहीं लौटाया। इसमें अधिकतम ऋण की सीमा 02 लाख रुपए थी।
इन्हें अवधिपार (बकाया) ऋणी की श्रेणी में माना है। वहीं अब सरकार ने ऋण की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपए निर्धारित की है, जिसे जिला स्तरीय तकनीकी समिति के मापदंड के अनुरूप जमीन में बोई जाने वाली फसल के आधार पर दिया जा रहा है। दूसरी ओर जिन किसानों ने कभी ऋण नहीं लिया है और वह समिति में नए सदस्य हैं उन्हें भी फसली ऋण की सुविधा मिलेगी।
सैंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक ब्रिजेंद्र शर्मा का कहना है कि ऑनलाइन पंजीयन हो रहा है। अब को-ऑपरेटिव बैंक ने खरीफ पर अल्पकालीन फसली ऋण देना शुरू कर दिया है। इसमें समितियों के नए सदस्यों को भी पंजीयन के बाद ऋण की सुविधा मिल सकेगी। लेकिन, पूर्व में लिया गया ऋण नहीं चुकाने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।