विद्युत निगम ने करीब डेढ़ साल बाद जिले में इतने बड़े स्तर पर बिजली चोरों के खिलाफ वीसीआर की कार्रवाई की है। टीमों ने उन स्थानों पर दबिश दी, जहां बिजली चोरी की आशंका ज्यादा है और लोग बेधड़क बिजली चोरी करते हैं। यह कार्रवाई रविवार को भी जारी रहेगी।
गौरतलब है कि निगम की 45 फीसदी बिजली प्रतिवर्ष चोरी में चली जाती है,जबकि इससे निपटने के लिए निगम को तैयार रहना चाहिए फिर भी बिजली चोरी पकडऩे की कार्रवाई महीनों में की जाती है। इससे निगम की करीब 64 करोड़ यूनिट बिजली चोरी में चली जाती है, जिससे निगम को प्रतिवर्ष करीब 400 करोड़ रुपए का नुकसान होता है।
निगम के जिले में लगभग 03 लाख कनेक्शन हैं, जहां निगम प्रतिमाह लगभग 11 करोड़ यूनिट बिजली की खपत करता है। इसे देखते हुए निगम ने करीब 1.43 करोड़ यूनिट बिजली खरीदी है। इसमें से करीब 45 फीसदी बिजली चोरी हो गई। यानि निगम को करीब 13 सौ करोड़ का नुकसान हुआ।
अब निगम इसकी भरपाई वीसीआर भर पूर्ति करने का प्रयास कर रहा है। निगम के कंट्रोल रूम की जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई करीब डेढ़ वर्ष बाद की गई है। जबकि, बिजली चोरी पर अंकुश लगाने और नुकसान की भरपाई के लिए निगम को समय-समय पर कार्रवाई करनी चाहिए।
जेवीवीएनएल भरतपुर में अधीक्षण अभियंता मूलचंद चौधरी का कहना है कि जिले में विजिलेंस की 20 टीम गठित कर 98 बिजली चोरों के खिलाफ वीसीआर भरने की कार्रवाई की गई। इन पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। कार्रवाई रविवार को भी की जाएगी।