इसके बाद जयपुर में 11वीं रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। क्योंकि, जयपुर के विशेषज्ञों ने बालक को रिटोनाविर व लोकिनाविर की दवाई दी थी, जिससे 11वीं रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। लेकिन, इसके बाद 12वां सैम्पल पॉजिटिव आया है। इसने चिकित्सकों को हैरान कर दिया था। इसके चलते केस पर स्टडी करने लिए जांचें पूना की राष्ट्रीय लैब में भेजी दी। इस असमंजस की स्थिति में विशेषज्ञों ने बालक की जयपुर में पुन: जांच करवाई। जांचों के आधार पर बालक में विटामिट-सी और डी व आयरन, जिंक, फेरेटिन सीरम व अन्य कमीं पाई गई थीं। इसकी दवा खिलाने के बाद 13वां व 14वां सैम्पल भेजा गया, ये दोनों ही नेगेटिव आए थे। इस आधार पर बालक को एक जून को छुट्टी दी गई, लेकिन लगातार कोरोना पॉजिटिव आने की मुख्य वजह पूना स्थित राष्ट्रीय विषाणु संस्था से रिपोर्ट आने पर पता चलेगी।
पूना से रिपोर्ट आने में समय लगेगा। रिपोर्ट आने पर जयपुर के विशेषज्ञ चिकित्सक व एम्स दिल्ली के विशेषज्ञों से परामर्श लेंगे। फिलहाल पूना स्थित नेशनल बायरोलॉजी लैब(राष्ट्रीय विषाणु संस्था) में ब्लड, यूरिन, मल, नोजल स्वेव, थ्रोट स्वेव की जांच भेजी हैं। वहीं कौनसा वायरस, शरीर में हैं। कोई कमी तो नहीं आदि जांच भी होंगी। क्यों नहीं खत्म हो रहा था। अगर, अन्य कोई वायरस है तो वह कौनसा है। इसकी जानकारी रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी।