ऐसी पुस्तकें कर सकेंगे दान
-महाविद्यालयों में संचालित विश्वविद्यालयी नियमित पाठ्यक्रम से संबंधित पुस्तकें जो कि सही हालत में हों व फटी-पुरानी नहीं हों।
– नियमित पाठ्यक्रम से संबंधित दान में दी जाने वाली पुस्तकें तीन साल से अधिक पुरानी नहीं हों।
-साहित्य अथवा अन्य ऐसे विषय जहां पुरानी पाण्डुलिपियों की उपलब्धता वांधित होत, दान में ली जा सकेंगी।
-प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित पुस्तकें, लेकिन ऐसी पुस्तकों में करण्ट अफेयर्स की पुस्तकें एक साल से अधिक पुरानी व सामान्य ज्ञान की पुस्तकें दो साल से अधिक पुरानी नहीं हों।
ये विद्यार्थीले सकेंगे बुक बैंक का लाभ
यूं तो महाविद्यालय में अध्ययनरत सभी विद्यार्थी बुक बैंक से पुस्तक प्राप्त कर सकेंगे लेकिन पुस्तकों की उपलब्धता के अनुसार विद्यार्थियों को पुस्तकें उपलब्ध कराईजाएंगी। इनमें बीपीएल व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थी, महाविद्यालय में नियमित रूप से आने वाले विद्यार्थी, पिछली परीक्षा में उच्च श्रेणी प्राप्त मेरिटोरियस विद्यार्थियों को पुस्तकें प्रदान करने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
गठित करनी होंगी समिति
कम्युनिटी बुक बैंक के संचालन व प्रबंधन के लिए महाविद्यालय स्तर पर एक समिति गठित की जाएगी। संकाय सदस्यों के साथ ही 5 से 15 विद्यार्थियों को सम्मिलित करते हुए एक समिति का गठन किया जाएगा।सभी सदस्यों को महाविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष की ओर से या फिर रेस की ओर से पुस्तकों की एंट्री, इश्यू करने व जमा करने की तकनीकी प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे बुक बैंक का प्रबंधन आसानी से हो सके।