एक दल के वोटों में नहीं लगी सेंध, दूसरे का कम डला यूं तो सभी दल प्रतिशत को लेकर अलग-अलग दावे कर रहे हैं और नफा-नुकसान भी तोल रहे हैं, लेकिन राजनीतिक दृष्टि से मुझे इसका फायदा विपक्षी दल को मिलने की संभावना है। इसकी वजह यह है कि चुनाव जातिगत रूप से बंटा हुआ रहा है। कांग्रेस के परंपरागत वोट में सेंध नहीं लग सकी। सत्ताधारी दल का जो परंपरागत वोट था, उसके वोट कम डले। लोग घरों से बाहर वोट डालने नहीं निकले। कमोबेश कुछ मुद्दे ऐसे रहे कि इस बार भाजपा का वोट थोड़ा कटा, इसका फायदा दूसरे दल को मिल सकता है। मेवात में वोट प्रतिशत बढऩे का कारण यह है कि इस बार वहां वोट विधानसभा चुनाव की तरह नहीं बंटा। ऐसे में यहां मेव ने एक मुश्त होकर वोट किया।
पं. रामकिशन शर्मा, पूर्व सांसद