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दशहत से 55 परिवार बेघर, बंजर पड़ी है सैकड़ों बीघा जमीन

locationभरतपुरPublished: Jun 18, 2019 01:36:00 pm

Submitted by:

rohit sharma

उच्चैन थाना क्षेत्र के गांव विलानचटपुरा निवासी कई परिवार गांव में पुनर्वास कराने की मांग को लेकर मंगलवार को आईजी कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ गए।

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भरतपुर. उच्चैन थाना क्षेत्र के गांव विलानचटपुरा निवासी कई परिवार गांव में पुनर्वास कराने की मांग को लेकर मंगलवार को आईजी कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ गए। ये लोग पुलिस सुरक्षा में गांव में पुनर्वास कराने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले इन लोगों ने सोमवार को जिला कलक्टे्रट गेट पर भी विरोध जताया और जिला कलक्टर डॉ.आरुषि मलिक को ज्ञापन भी सौंपा। जिस पर रूपवास एसडीएम दिनेश धाकड़ मंगलवार शाम पुनर्वास कराने को लेकर गांव में समझाइश के लिए बैठक करने वाले थे, लेकिन अंतिम समय यह बैठक निरस्त कर दी। गौरतलब रहे कि 14 जुलाई 2017 को गांव विलानचट्टपुरा में करीब पौने दो बीघना जमीन विवाद को लेकर सुभान एवं सनी कंजर पक्ष में जमकर लाठी-डंडे चले और फायरिंग हो गई। फायरिंग की घटना में सुभान पक्ष के रामवीर एवं चंदरू की मौके पर ही मौत हो गई जबकि आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस मामले में सुभान पुत्र रामलखन कंजर ने दूसरे पक्ष के 59 जनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इसमें मुख्य आरोपी सनी पुत्र रामदास कंजर जो दो साल से फरार चल रहा था उसे पुलिस ने जयपुर में बगरू थाना अंतर्गत कंजर बस्ती रीको एरिया से दो दिन पहले ही गिरफ्तार किया है। इसमें एक और मुख्य आरोपी विष्णु निवासी पिचूना अभी भी फरार चल रहा है। पुलिस ने जांच में 46 जनों को आरोपी मानते हुए अभी तक 25 जनों को गिरफतार कर चुकी है। जबकि एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली गई है। इसमें बचे 16 आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है। जबकि चार को अग्रिम जमानत मिल चुकी है। इस प्रकरण के चलते दूसरे पक्ष के परिजन गांव छोड़कर चले गए थे।

फायरिंग में एक पक्ष के दो जनों की मौत होने पर दूसरे पक्ष के लोग गांव से दहशत और एक महिला के साथ मारपीट व घरों में आगजनी की घटना के बाद पलायन कर गए थे। उसके बाद से यह लोग अपनी दूर-दराज की रिश्तेदारियों में रहकर समय गुजार रहे थे। लेकिन काफी दिन होने के बाद करीब 55 परिवार के लोग वापस भरतपुर पहुंचे और सोमवार को जिला कलक्टर से गांव में वापस पुनर्वास कराने की मांग की। इनाका कहना है कि गांव के कुछ दबंग लोग उन्हें बसने नहीं दे रहे, जिससे उनकी सैकड़ों बीघा जमीन बंजर पड़ी हुई है। उनके बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे और भुखमरी के हालात हो गए हैं। इससे पहले पूर्व एसपी केसर सिंह शेखावत ने बेघर परिवारों को बसाने के लिए गांव में दूसरे पक्ष से वार्ता कर पुनर्वास कराने का प्रयास किया था। लेकिन दूसरे पक्ष के लोगों का कहना था कि पहले पुलिस फरार चल रहे लोगों को गिरफ्तार करें। उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि उन्हें पता है, आरोपी कहा पर रह रहे हैं लेकिन पुलिस उन्हें इसके बाद भी गिरफ्तार नहीं कर रही। तत्कालीन एसपी ने गांव के पास अस्थाई चौकी स्थापित करने का भी प्रयास किया लेकिन जमीन नहीं मिलने से यह चौकी नहीं खुलवाई। जिससे इन लोगों का पुनर्वास नहीं हो पाया।

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