फायरिंग में एक पक्ष के दो जनों की मौत होने पर दूसरे पक्ष के लोग गांव से दहशत और एक महिला के साथ मारपीट व घरों में आगजनी की घटना के बाद पलायन कर गए थे। उसके बाद से यह लोग अपनी दूर-दराज की रिश्तेदारियों में रहकर समय गुजार रहे थे। लेकिन काफी दिन होने के बाद करीब 55 परिवार के लोग वापस भरतपुर पहुंचे और सोमवार को जिला कलक्टर से गांव में वापस पुनर्वास कराने की मांग की। इनाका कहना है कि गांव के कुछ दबंग लोग उन्हें बसने नहीं दे रहे, जिससे उनकी सैकड़ों बीघा जमीन बंजर पड़ी हुई है। उनके बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे और भुखमरी के हालात हो गए हैं। इससे पहले पूर्व एसपी केसर सिंह शेखावत ने बेघर परिवारों को बसाने के लिए गांव में दूसरे पक्ष से वार्ता कर पुनर्वास कराने का प्रयास किया था। लेकिन दूसरे पक्ष के लोगों का कहना था कि पहले पुलिस फरार चल रहे लोगों को गिरफ्तार करें। उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि उन्हें पता है, आरोपी कहा पर रह रहे हैं लेकिन पुलिस उन्हें इसके बाद भी गिरफ्तार नहीं कर रही। तत्कालीन एसपी ने गांव के पास अस्थाई चौकी स्थापित करने का भी प्रयास किया लेकिन जमीन नहीं मिलने से यह चौकी नहीं खुलवाई। जिससे इन लोगों का पुनर्वास नहीं हो पाया।