क्योंकि लोकसभा की लहर विधानसभा चुनाव में बरकरार नहीं रह पाया और लोकसभा की पांच विधानसभा सीटों में बीजेपी सिर्फ दो पर ही जीत दर्ज कर सकी जबकि दो सीटों पर बसपा और एक पर निर्दल प्रत्याशी ने जीत दर्ज किया। इस तस्वीर पर नजर डाला जाए तो भाजपा को आगामी चुनाव में बसपा से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
भदोही लोकसभा सीट जिले की तीन ज्ञानपुर, भदोही, औराई और इलाहाबाद की दो विधानसभा हंडिया और प्रतापपुर को मिलाकर बनाया गया है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी वीरेन्द्र सिंह मस्त से रिकार्ड मतों से जीत हासिल किया और तीसरी बार सांसद चुने गए।
उस चुनाव में लोकसभा के अंतर्गत आनेवाली सभी पांचो विधानसभा सीट पर भाजपा ने वोट के मामले में सभी दलों को काफी पीछे कर दिया था। लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन पांच में सिर्फ दो सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी। लोकसभा की पांच सीटों में तीन पर बीजेपी और दो पर उसके सहयोगी दल अपना दल ने चुनाव लड़ा था। जिले की तीन सीट भदोही, औराई और ज्ञानपुर में बीजेपी प्रत्याशी चुनाव लड़े थे जिसमें भदोही एयर औराई पर बीजेपी जीती और ज्ञानपुर सीट पर निर्दल जबकि हंडिया और प्रतापपुर में अपना दल के प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे लेकिन दोनों सीटों पर उन्हें बसपा के प्रत्याशियों से हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में पांच सीटों में दो पर बीजेपी और दो पर बसपा का कब्जा है। ऐसे में बसपा महा गठबंधन के तहत इस सीट पर मजबूत दावेदार नजर आ रहा है।
जानकारों की माने तो इस आंकड़े के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी मेहनत की जरूरत पड़ेगी। बसपा अगर अकेले भी चुनाव लड़ी तो भी मुकाबला बहुत दिलचस्प होगा।