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आवास योजना की दो स्कीमें फाइलों में कैद

locationबेतुलPublished: Nov 16, 2018 11:32:10 pm

Submitted by:

rakesh malviya

हितग्राहियों को सीएलएसएस और एएचपी योजनाओं का अभी तक नहीं मिला लाभ, बीएलसी योजना के तहत ही बने सके हैं गरीबों के आवास

Two Schemes of Housing Scheme Captured in Files

आवास योजना की दो स्कीमें फाइलों में कैद

बैतूल. प्रधानमंत्री आवास योजना की दो बड़ी स्कीमें फाइलों में कैद होकर रह गई है। जिसके कारण भूमिहीन और मध्यमवर्गीय परिवारों को इस योजना का लाभ दो सालों में भी नहीं मिल सका है। हालांकि योजना के तहत बीएलसी घटक में पट्टाधारकों के लिए १४८० आवासों का निर्माण हो चुका हैं, लेकिन जो भूमिहीन परिवार है वह आवेदन करने के बाद से लगातार चक्कर काट रहे हैं। यही हालत मध्यवर्गीय परिवारों के हैं। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद आज तक योजना का लाभ नहीं मिल सका है। दरअसल में यह दोनों स्कीमें सीधे फायनेंस योजना से जुड़ी है जिसके कारण इस योजना का लाभ दोनों वर्गों को नहीं मिल सका है।
स्कीम 01= एएचपी घटक
एचएचपी स्कीम(अफोर्डटेबल हाउसिंग इन पार्टनशिप) में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भूमिहीन परिवारों को आवास बनाकर दिए जाना है। इस स्कीम के तहत शहर के डेढ़ हजार से ज्यादा भूमिहीन परिवारों द्वारा ऑनलाइन आवेदन किए गए थे। आवेदन को एक साल से लंबा अरसा हो गया है लेकिन अभी तक उक्त आवेदनों की फाइल आगे नहीं बढ़ सकी है। इस योजना में भूमिहीन हितग्राहियों को ६, ९ एवं १२ लाख रुपए बैंक से फायनेंस कराए जाकर आवास उपलब्ध कराए जाने थे। आवास निर्माण के लिए नगरपालिका ने हमलापुर क्षेत्र में ३ हेक्टेयर जमीन भी चिन्हित कर ली है लेकिन योजना की डीपीआर अभी तक बनाई नहीं जा सकी है। जिसके कारण योजना का काम अधर में लटका पड़ा है। वहीं भूमिहीन परिवार आवास योजना की जानकारी के लिए नगरपालिका के चक्कर काट रहे हैं।
स्कीम 02- सीएलएसएस घटक
सीएलएसएस स्कीम (क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना) में मध्यमवर्गीय परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पहुंचाया जाना था जो आर्थिक रूप से थोड़े सक्षम है लेकिन आवास निर्माण के लिए जिन्हें फायनेंस की जरूरत है। योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। बहुत से लोगों ने स्कीम के तहत ऑनलाइन आवेदन किया था लेकिन इन आवेदनों की कोई जानकारी नगरपालिका के पास मौजूद नहीं है। नगरपालिका का कहना है कि सीएलएसएस स्कीम के तहत किए गए आवेदन सीधे संबंधित बैंकों को जाते हैं। बैंक द्वारा ही मकान निर्माण के लिए योजना के तहत लोन स्वीकृत किया जाना है। योजना में ६, ९ एवं १२ लाख तक फायनेंस मध्यमवर्गीय परिवारों को किया जाना था लेकिन बैतूल शहर में किसी को भी मध्यवर्गीय परिवारों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है।
स्कीम 03 – बीएलसी घटक
बीएलसी स्कीम (बेनिफिशियल लेट कंस्ट्रक्शन योजना) में पट्टेधारकों को आवास निर्माण के लिए ढाई लाख रुपए दिए जाते हैं। इस योजना के प्रथम चरण में बैतूल शहर के ७६१ पट्टेधारकों को लाभांवित किया गया था। हालांकि इस राशि के लिए भी गरीबों को काफी पापड़ बेलने पड़े थे। वहीं योजना के द्वितीय चरण में ७१९ हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। इनके आवास वर्तमान में निर्माणधीन होना बताए जाते हैं। हितग्राहियों को योजना की दो किस्तें मिली चुकी हैं लेकिन तीसरी किस्त का इंतजार है। बताया गया कि बीएलसी योजना के तहत शहर में 1480 हितग्राहियों के आवास निर्माण का सपना पूरा किया गया है। इस योजना के पहले चरण में जहां हितग्राहियों को किस्त के लिए काफी परेशान होना पड़ा था वहीं द्वितीय चरण में थोड़ी राहत मिली है।

इनका कहना
-एएचपी घटक में डीपीआर बनाने का काम शेष रह गया है। जमीन पहले मिल चुकी हैं डीपीआर बनने के बाद जल्द काम शुरू होगा। सीएलएसएस योजना सीधे बैंकों से लिंक है।आवेदन भी ऑनलाइन जमा हुए हैं, इसलिए हमें योजना की कोई जानकारी नहीं है।
– सौहाद्र्र मात्रे, उपयंत्री व योजना प्रभारी नगरपालिका बैतूल।

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