नवीन कलेक्टोरेट को आईएसओ का दर्जा दिलाने की कवायद
बेतुलPublished: Feb 21, 2019 09:01:38 pm
कलेक्टोरेट कार्यालय की नई बिल्डिंग को आईएसओ का दर्जा दिलाए जाने के लिए प्रशासनिक कवायद तेज हो गई है। इंदौर से आईएसओ कंसलटेंट जितेंद्र खंडेलवाल को बैतूल बुलाया गया है।
बैतूल। कलेक्टोरेट कार्यालय की नई बिल्डिंग को आईएसओ का दर्जा दिलाए जाने के लिए प्रशासनिक कवायद तेज हो गई है। इंदौर से आईएसओ कंसलटेंट जितेंद्र खंडेलवाल को बैतूल बुलाया गया है। गुरुवार को कंसलटेंट द्वारा पूरी बिल्डिंग का बारिकी से निरीक्षण कर कुछ बदलाव किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा कलेक्टोरेट बिल्डिंग में जो खाली जगह छोड़ी गई थी वहां फेब्रिकेशन कर कमरे बना लिए हैं जिन्हें हटाए जाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा वर्तमान में संचालित विभागों के कक्षों में भी फेरबदल किया जा सकता है।
इंडेक्स में कलेक्टर कक्ष का उल्लेख नहीं
नवीन कलेक्टोरेट बिल्डिंग में जो इंडेक्स लगाया गया है उसमें कलेक्टर कक्ष कहां मौजूद हैं इसका उल्लेख ही नहीं किया गया है। कंसलटेंट खंडेलवाल द्वारा इंडेक्स को भी बदले जाने और इसकी जगह नया लगाए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कलेक्टोरेट के सभी कक्षों को आपस में जोडऩे के लिए इंटरकॉम सेवा शुरू की जाएगी। इंटरकॉम नंबर के आधार पर ही कमरों के नंबर दिए जाएंगे। वहीं उन्होंने डिप्टी कलेक्टर कुमार शानू के साथ समस्त बिल्डिंग और उसमें संचालित दफ्तरों का निरीक्षण भी किया। इस दौरान दफ्तरों में मौजूद व्यवस्था को देखा गया।
तो अलग से फाइलों को रखने बनाना पड़ेगा भवन
निरीक्षण के दौरान कंसलटेंट जिला सांख्यिकी विभाग पहुंचे। यहां आलमारी एवं टेबलों पर रखे फाइलों के सालों पुराने ढेर को देख उन्होंने कहा कि यदि इन्हें हटाया नहीं तो अलग से फाइलों को रखने के लिए भवना पड़ेगा। जो फाइलें सालों पुराने ही और जिनकी जरूरत नहीं है उन्हें नियमानुसार नष्ट करने की प्रक्रिया की जाएगा।ताकि कमरों को बेहतर रखा जा सके। गुड गवर्नेंस एवं स्मार्ट ऑफिस की परिकल्पना तभी साकार हो सकेगी जब हमे ऑफिस का बेहतर तरीके से संचालन कर सकेंगे।