मोटर नहीं होने से नहीं मिल पाया देहगुड़ बांध का पानी
बिरूल बाजार में जलसंकट को देखते हुए पीएचई मंत्री पांसे द्वारा 29 लाख की लागत से देहगुड़ बांध से बिरूल बाजार तक बिछाई गई है, जिससे ग्रामीणों को देहगुड़ बांध का पानी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन यह पाइप लाइन भी कोई काम की नहीं नजर आई, क्योंकि पंचायत के पास मोटर नहीं थी, तो पंचायत बांध से पानी नहीं ला पाए और ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पाया।
बिरूल बाजार में जलसंकट को देखते हुए पीएचई मंत्री पांसे द्वारा 29 लाख की लागत से देहगुड़ बांध से बिरूल बाजार तक बिछाई गई है, जिससे ग्रामीणों को देहगुड़ बांध का पानी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन यह पाइप लाइन भी कोई काम की नहीं नजर आई, क्योंकि पंचायत के पास मोटर नहीं थी, तो पंचायत बांध से पानी नहीं ला पाए और ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पाया।
पेयजल टंकी भी हो गई जर्जर
एक ओर जहां बिरूल बाजार में जलसंकट चरम पर है वहीं जल संग्रहण के लिए पेयजल टंकी भी जर्जर हो गई है। टंकी के उपर चढऩे के लिए बनी सीढिय़ां क्षतिग्रस्त है जिसे पंचायत द्वारा सुधारने का प्रयास नहीं किया। ग्रामीणों के अनुसार पिछले पांच वर्षों से टंकी की सफाई नहीं की गई है जिसके कारण ग्रामीणों को पहले गंदा पानी पीना पड़ता था। अब यह हालत है कि पूरी गर्मी में ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पाया।
एक ओर जहां बिरूल बाजार में जलसंकट चरम पर है वहीं जल संग्रहण के लिए पेयजल टंकी भी जर्जर हो गई है। टंकी के उपर चढऩे के लिए बनी सीढिय़ां क्षतिग्रस्त है जिसे पंचायत द्वारा सुधारने का प्रयास नहीं किया। ग्रामीणों के अनुसार पिछले पांच वर्षों से टंकी की सफाई नहीं की गई है जिसके कारण ग्रामीणों को पहले गंदा पानी पीना पड़ता था। अब यह हालत है कि पूरी गर्मी में ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पाया।
इनका कहना
ग्रामीणों ने पंचायत का घेराव किया और तोडफ़ोड़ भी की, मोटर नही होने से जल प्रदाय व्यवस्था बिगड़ गई थी जिसे मोटर लाकर शीघ्र सुधारा जा रहा है।
गंगाधर गीद, सचिव, बिरुल बाजार
ग्रामीणों ने पंचायत का घेराव किया और तोडफ़ोड़ भी की, मोटर नही होने से जल प्रदाय व्यवस्था बिगड़ गई थी जिसे मोटर लाकर शीघ्र सुधारा जा रहा है।
गंगाधर गीद, सचिव, बिरुल बाजार