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पीएचई मंत्री पांसे के क्षेत्र में 63 दिनों से लोगों को नहीं मिला पीने का पानी

locationबेतुलPublished: Jul 15, 2019 11:32:52 pm

Submitted by:

rakesh malviya

बिरुण बाजार के महिलाओं और पुरुषों ने जहां पंचायत भवन का पहले घेराव कर तोडफ़ोड़ की वहीं बाद में भवन के दरवाजे पर ताला जड़ दिया

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मुलताई. पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे के क्षेत्र बिरुल बाजार क्षेत्र के लोगों को विगत 63 दिनों से पीने का पानी नहीं मिलने से ग्रामीणों ने सोमवार को पंचायत भवन पहुंचकर जमकर हंगामा मचाया। इस दौरान सैकड़ों महिलाओं ने जहां पंचायत भवन का पहले घेराव कर तोडफ़ोड़ की वहीं बाद में भवन के दरवाजे पर ताला जड़ दिया, ग्रामीणों का गुस्सा देखकर जनप्रतिनिधियों सहित सचिव एवं अन्य कर्मचारी भागते नजर आए। बाद में पंचायत सचिव द्वारा पांच से छ: दिनों में व्यवस्थाएं सुधारने के आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए। पूरे मामले में जलस्रोतों होते हुए भी ग्रामीणों को पानी उपलब्ध नहीं कराने की पंचायत द्वारा लापरवाही साफ नजर आ रही है।
बिरूल बाजार निवासी इमला सातपुते, कमलाबाई, गीता बाई दौडक़े, सुनकुला वाडेकर, बाबू सातपुते, सुखदेव साहू, मैना सातपुते, संदीप बनकर सहित अन्य ग्रामीण सोमवार को बिरूल बाजार के पंचायत भवन पहुंचे और पंचायत में घुसकर कुर्सी आदि तोड़ दी। इसके बाद पंचायत में ताला लगा दिया और पंचायत का घेराव कर लिया। इस दौरान पंचायत सचिव गंगाधार गीद ग्रामीणों को समझाते रहे लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश था कि शांत होने का नाम नहीं ले रहा था। ग्रामीणों का कहना था पानी नहीं कि शिकायत पंचयात में कई बार की गई लेकिन पंचायत ने इस ध्यान नहीं दिया जिसमें पंचायत की लापरवाही से गांव के लोग प्यासे है, ग्रामीणों ने लगभग ढाई घंटे तक प्रदर्शन चला, ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में व्यवस्था नहीं सुधरी तो आंदोलन किया जाएगा।
मोटर नहीं होने से नहीं मिल पाया देहगुड़ बांध का पानी
बिरूल बाजार में जलसंकट को देखते हुए पीएचई मंत्री पांसे द्वारा 29 लाख की लागत से देहगुड़ बांध से बिरूल बाजार तक बिछाई गई है, जिससे ग्रामीणों को देहगुड़ बांध का पानी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन यह पाइप लाइन भी कोई काम की नहीं नजर आई, क्योंकि पंचायत के पास मोटर नहीं थी, तो पंचायत बांध से पानी नहीं ला पाए और ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पाया।
पेयजल टंकी भी हो गई जर्जर
एक ओर जहां बिरूल बाजार में जलसंकट चरम पर है वहीं जल संग्रहण के लिए पेयजल टंकी भी जर्जर हो गई है। टंकी के उपर चढऩे के लिए बनी सीढिय़ां क्षतिग्रस्त है जिसे पंचायत द्वारा सुधारने का प्रयास नहीं किया। ग्रामीणों के अनुसार पिछले पांच वर्षों से टंकी की सफाई नहीं की गई है जिसके कारण ग्रामीणों को पहले गंदा पानी पीना पड़ता था। अब यह हालत है कि पूरी गर्मी में ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पाया।
इनका कहना
ग्रामीणों ने पंचायत का घेराव किया और तोडफ़ोड़ भी की, मोटर नही होने से जल प्रदाय व्यवस्था बिगड़ गई थी जिसे मोटर लाकर शीघ्र सुधारा जा रहा है।
गंगाधर गीद, सचिव, बिरुल बाजार

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