पढ़ें, प्रमुख सचिव ने जारी किए आदेश, बगैर राजनैतिक दलों की मौजूदगी के हो सकेंगे सामूहिक विवाह
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह के लिए आवेदन करने वाले हितग्राहियों के लिए राहत भरी खबर यह है कि सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के प्रमख सचिव ने आचार संहिता के दौरान विवाह आयोजन कराए जाने के लिए शर्तों के साथ अनुमति प्रदान कर दी है।
Orders issued by the Principal Secretary of Social Justice and Disabled Welfare Department
बैतूल। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह के लिए आवेदन करने वाले हितग्राहियों के लिए राहत भरी खबर यह है कि सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के प्रमख सचिव ने आचार संहिता के दौरान विवाह आयोजन कराए जाने के लिए शर्तों के साथ अनुमति प्रदान कर दी है। जारी अनुमति के मुताबिक सामूहिक विवाह आयोजन का प्रचार-प्रसार तथा विज्ञापन जारी नहीं किया जा सकेगा। राजनैतिक दलों के व्यक्तियों तथा अभ्यार्थियों की सहभागिता नहीं होगी। कार्यक्रम में सम्मलित होने वाले शासकीय कर्मचारियों के संबंध में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्वाचन कार्य, प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न न हो। आदर्श आचार संहिता के अन्य प्रावधानों का ध्यान रखा जाकर पालन किया जाएगा, लेकिन आदेश जारी होने में देरी के चलते बैतूल में सामूहिक विवाह का आयोजन हो पाना अब मुश्किल नजर आ रहा है, क्योंकि सामूहिक विवाह के लिए वर-वधु को दी जाने वाली सामग्री का वर्कआर्डर अभी तक जारी नहीं हो सका है। यदि एक-दो दिन में वर्कआर्डर भी जारी कर देते हैं तो सामूहिक विवाह आयोजन े के लिए प्रभारी मंत्री ने जो तारीखे तय की गई थी उन तिथियों में विवाह होना मुश्किल है। ऐसे में प्रशासन को विवाह आयोजन कराए जाने के लिए नई तिथियां निर्धारित करना पड़ेगी। चूंकि नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव साथ में होने जा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन के लिए समय निकालकर जिले के दसों ब्लॉकों में सामूहिक विवाह करना मुश्किल हैं। इसलिए आदेश के बावजूद विवाह आयोजन होना मुश्किल नजर आ रहा है।
बड़ी संख्या में लोगों ने विवाह के लिए किए आवेदन
मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना में विवाह के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आए थे। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के मुताबिक जिले भर में हजार से अधिक आवेदन आ चुके थे। इन आवेदनों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा था। एक जून को आठनेर और चिचोली में सामूहिक विवाह आयोजन होना था, लेकिन अचानक आचार संहिता लगने की वजह से यह आयोजन धरा का धरा रह गया।
दो साल के लंबे अंतराल के बाद हो रहे विवाह
जिले में दो साल के लंबे अंतराल के बाद मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन किया जा रहा था। कोरोना संक्रमण काल के चलते पूर्व में विवाह आयोजन नहीं हो सके थे। इस साल अप्रेल में सामूहिक विवाह कराए जाने को लेकर आदेश जारी हुए थे, लेकिन आदेश जारी होने में लेटलतीफी के चलते अक्षय तृतीया पर आयोजन नहीं हो सका। हालांकि विवाह आयोजन के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी लेकिन प्रभारी मंत्री से तारीख तय नहीं हो सकी थी। तारीख में देरी के चलते आयोजन शुरू होने से पहले ही आचार संहिता लग गई ।
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