हिंसा पीडि़़त महिलाओं को आसरे के साथ-साथ सुविधा उपलब्ध हो सकें। अन्य जिलों में खुले वन स्टॉप सेंटरों के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इसी तरह से बैतूल के वन स्टॉप सेंटर के भी परिणाम सामने आना चाहिए। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत क्षितिज सिंघल, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष प्रशांत मांडवीकर, डीपीओ सुमन पिल्लई, डीडब्ल्यूईओ राधेश्याम वर्मा, पर्यवेक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थी। सेंटर पर घरेलू हिंसा से पीडि़त महिलाओं, बालिकाओं के सहायतार्थ आश्रय, पुलिस सहायता, विधिक सहायता, चिकित्सा एवं काउंसलिंग की सुविधा एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएगी।
महिलाओं को 5 दिनों तक आश्रय की सुविधा मिलेगी। आवास के साथ-साथ भोजन, कपड़े, टेलीविजन मनोरंजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।महिला के साथ में 0 से 7 वर्ष तक के बाल एवं 0 से 18 वर्ष तक की आयु की बालिका को भी आश्रय दिया जाएगा। डीपीओ द्वारा वन स्टॉप सेंटर की आवश्यकता और उद्देश्य के विषय में विस्तार से बताया। वहीं इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी सदस्य संजय शुक्ला और इरशाद हिन्दुस्तानी द्वारा बेहतरीन तरीके से कैसे वन स्टॉप सेंटर चलाया जा सकता है इससे संबंधित अपने-अपने विचार रखे और सुझाव दिए।