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बेतुल

ग्राम पंचायत ने नहीं सुनी तो परिवार खुद बना रहा शहीद बेटे का स्मारक

गांव के ही दबंगों ने रोका स्मारक का कामसांसद-विधायक ने दिया था सहयोग का आश्वासन

बेतुलJan 29, 2019 / 10:28 pm

pradeep sahu

गांव के ही दबंगों ने रोका स्मारक का काम

गांव के ही दबंगों ने रोका स्मारक का काम

बैतूल. शहीद होने पर जिस गांव के लोग जवान को अपना बेटा मान रहे थे और अमर रहे के नारे लगा रहे थे, वे ही आज शहीद के स्मारक बनाने में अड़ंगा बन गए हैं। पांच वर्ष बाद भी जब पंचायत ने शहीद का स्मारक नहीं बनाया तो परिवार के लोग स्वयं ही निर्माण करने लग गए। यह काम भी गांव के कुछ दबंगों ने रोक दिया है। दबंगों का कहना है कि चौक पर स्मारक नहीं बनाया जा सकता। ग्राम पंचायत ने भी बजट नहीं होने हवाला देकर अभी तक स्मारक का निर्माण नहीं किया।
मलकापुर रोड ग्राम खेड़ली का सपूत दिलीप उइके १४ अप्रैल २१०४ को पठाकोट में गश्ती के दौरान करंट लगने से शहीद हो गया था। जवान की अंत्येष्टी पूरे राजकीय सम्मान से की गई थी। गांव के लोगों ने दिलीप अमर रहेर के नारे लगाए थे। दिलीप के शहीद पर प्रशासन ने गांव में ही चौक पर उसका स्मारक बनाकर प्रतिमा लगाने की बात कही थी। पंचायत द्वारा यह काम किया जाना था। साढ़े चार वर्ष में भी यह स्मारक नहीं बन सका है। पंचायत ने स्मारक बनाने में कोई रुचि नहीं दिखाई तो परिवार के लोगों ने इसे बनाने का काम शुरू कर दिया। भाई विनोद ने ही स्मारक के लिए नींव खोदी। जिससे गांव के ही कुछ दबंगों ने रोक दिया है। विनोद ने बताया कि पंचायत ने स्मारक बनाने में कोई रुचि नहीं दिखाई। अब खुद बना रहे हैं तो इस पर रोक लगा दी है।
परिजन पांच वर्ष से कर रहे इंतजार – शहीद दिलीप की मां शिवकली बताती है कि उसका बेटा देश के लिए शहीद हो गया। शहीदों का सिर्फ २६ जनवरी और १५ अगस्त पर प्रशासन सम्मान करता है। उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं देता। दिलीप के शहीद होने पर सांसद और विधायक ने स्मारक बनाने में सहयोग देने की बात कही थी,लेकिन पांच वर्ष बाद भी यह नहीं बन सका है। नेताओं ने दोबारा से यहां आकर देखा तक नहीं। बेटे शहादत के बाद भी गांव में एक स्मारक तक नहीं बन सका है।
इनका कहना है..
&शहीद जवान का स्मारक क्यों नहीं बन पा रहा है। इसे दिखवाता हंू।
तरुण कुमार पिथोड़े, कलेक्टर बैतूल

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